scorecardresearch
Monday, 30 September, 2024
होमदेशअर्थजगतदेश का चालू खाता घाटा जून तिमाही में बढ़कर जीडीपी का 1.1 प्रतिशत

देश का चालू खाता घाटा जून तिमाही में बढ़कर जीडीपी का 1.1 प्रतिशत

Text Size:

मुंबई, 30 सितंबर (भाषा) देश का चालू खाते का घाटा अप्रैल-जून तिमाही में मामूली रूप से बढ़कर 9.7 अरब डॉलर यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.1 प्रतिशत हो गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह 8.9 अरब डॉलर यानी जीडीपी का एक प्रतिशत था।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को चालू खाते से संबंधित ये आंकड़े जारी किए।

पिछली जनवरी-मार्च तिमाही में चालू खाता 4.6 अरब डॉलर यानी जीडीपी के 0.5 प्रतिशत अधिशेष की स्थिति में था।

रिजर्व बैंक ने चालू खाता घाटे में सालाना आधार पर बढ़ोतरी के लिए वस्तु व्यापार में फासला बढ़ने को जिम्मेदार बताया है। वस्तु व्यापार अंतराल चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 65.1 अरब डॉलर दर्ज किया गया जो पिछले साल की समान तिमाही में 56.7 अरब डॉलर था।

आरबीआई ने कहा कि समीक्षाधीन तिमाही में शुद्ध सेवा प्राप्तियां एक साल पहले के 35.1 अरब डॉलर से बढ़कर 39.7 अरब डॉलर हो गईं। इसके साथ ही कंप्यूटर सेवाओं, कारोबारी सेवाओं, यात्रा सेवाओं और परिवहन सेवाओं में वृद्धि देखी गई है।

हालांकि आलोच्य अवधि में शुद्ध विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। यह एक साल पहले के 15.7 अरब डॉलर की तुलना में सिर्फ 90 करोड़ डॉलर रहा।

वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में विदेशों से लिए गये वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के तहत शुद्ध प्रवाह घटकर 1.8 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में दर्ज 5.6 अरब डॉलर से कम था।

जून तिमाही में विदेशों में रह रहे भारतीयों की तरफ से भेजे गए धन में भी उछाल दर्ज किया गया। इस दौरान विदेश से भारत भेजे गया धन अप्रैल-जून 2023 के 27.1 अरब डॉलर से बढ़कर 29.5 अरब डॉलर हो गया।

आरबीआई ने कहा कि शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह भी बीती तिमाही में बढ़कर 6.3 अरब डॉलर हो गया जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 4.7 अरब डॉलर था।

प्राथमिक आय खाते पर शुद्ध निकासी के तहत निवेश आय का भुगतान बढ़कर 10.7 अरब डॉलर हो गया जो पिछले साल की समान अवधि में 10.2 अरब डॉलर था।

अप्रैल-जून 2024 में प्रवासी भारतीयों की जमाओं में शुद्ध प्रवाह चार अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले 2.2 अरब डॉलर था।

आरबीआई ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भुगतान संतुलन के आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार 5.2 अरब डॉलर बढ़ गया जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 24.4 अरब डॉलर था।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments