नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) महामारी के कारण हुए नुकसान से अर्थव्यवस्था के उबरने के साथ भारत की कच्चे तेल की मांग 2022 में 8.2 प्रतिशत बढ़कर 51.5 लाख बैरल प्रतिदिन पर पहुंचने का अनुमान है।
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन – ओपेक ने अपनी ताजा मासिक तेल बाजार रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि भारत में कच्चे तेल की मांग 2022 में 3.9 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ेगी। भारत दुनिया में ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
भारत की कच्चे तेल की मांग 2020 में प्रतिदिन 45.1 लाख बैरल से 5.61 प्रतिशत बढ़कर 2021 में 47.6 लाख बैरल प्रतिदिन हो गई थी।
हालांकि, यह मांग अब भी महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले कम है। तेल की मांग 2018 में 49.8 लाख बैरल प्रतिदिन थी, जो 2019 में बढ़कर 49.9 लाख बैरल प्रतिदिन हो गई थी।
ओपेक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में 7.2 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक वृद्धि और महामारी पर काबू पाने की उम्मीद के साथ कच्चे तेल की मांग में सुधार होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आवाजाही बढ़ने के साथ इस साल कच्चे तेल की मांग बढ़ी है।
इसमें आगे कहा गया कि 2022 में एक मजबूत अर्थव्यवस्था के पुर्वानुमान के अनुरूप औद्योगिक क्षेत्र से डीजल, एलपीजी और नेफ्था की मांग बढ़ेगी।
ओपेक ने कहा कि 2022 में विमान ईंधन की मांग में सुधार धीमा रहने की संभावना है।
भाषा पाण्डेय अजय
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