नयी दिल्ली, 10 अप्रैल (भाषा) साल 2022 में दुनिया में लगभग 26.8 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ, जिसमें भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 3.54 प्रतिशत रही। एक नए शोधपत्र में यह बताया गया है।
पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित विश्लेषण में कहा गया है कि 2022 में लगभग 40 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन हुआ, जिसमें भारत की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत रही। इस साल प्लास्टिक उत्पादन में चीन का योगदान 32 प्रतिशत तो अमेरिका का योगदान 42 प्रतिशत रहा।
चीन प्लास्टिक का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जो दुनिया की आपूर्ति का 20 प्रतिशत उपयोग करता है। अमेरिका 18 प्रतिशत, यूरोपीय संघ (ईयू) 16 प्रतिशत, भारत छह प्रतिशत तथा जापान चार प्रतिशत प्लास्टिक का उपभोग करता है।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2022 में सर्वाधिक प्रति व्यक्ति खपत 216 किलोग्राम अमेरिका में थी। यह जापान में 129 किलोग्राम और यूरोपीय संघ में प्रति व्यक्ति 87 किलोग्राम प्लास्टिक की खपत थी।
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में दुनिया भर में लगभग 26.8 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ, जिसमें सबसे अधिक कचरा चीन (8.15 करोड़ टन) में उत्पन्न हुआ। उसके बाद अमेरिका (4.01 करोड़ टन), यूरोपीय संघ (तीन करोड़ टन) और भारत (95 लाख टन) का स्थान आता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर 40 प्रतिशत प्लास्टिक कचरा भराव में जाता है, 34 प्रतिशत को जला दिया जाता है और केवल नौ प्रतिशत का पुनर्चक्रण (रीसाइकिल) किया जाता है।
हालांकि, 2022 में भराव में भेजे गए वैश्विक प्लास्टिक कचरे का कुल प्रतिशत 1950 और 2015 के बीच भराव में भेजे गए सभी वैश्विक प्लास्टिक कचरे के अनुमानित 79 प्रतिशत की तुलना में काफी कम हो गया है।
भाषा अनुराग अजय
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