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शनिवार, 10 मई, 2025
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भारत का ‘एआई फॉर ऑल’ का मंत्र ठोस कार्रवाई से समर्थित है: वाणिज्य एवं आईटी राज्य मंत्री प्रसाद

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नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत का ‘एआई फॉर ऑल’ मंत्र ठोस कार्रवाई पर आधारित है और देश कृत्रिम मेधा (एआई) कौशल प्रसार और प्रतिभा संकेन्द्रण में अग्रणी है।

उन्होंने उद्योग जगत के लोगों से वैश्विक कौशल राजधानी के रूप में भारत की स्थिति का लाभ उठाने के लिए अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री प्रसाद ने यहां ‘नैसकॉम ग्लोबल कॉन्फ्लुएंस’ 2025 में कहा, ‘‘ हमारा मंत्र ‘एआई फॉर ऑल’ ठोस कार्रवाई द्वारा समर्थित है। एआई कौशल पैठ के मामले में भारत दुनिया में नंबर एक है। एआई कौशल सूचकांक अमेरिका और जर्मनी से भी आगे है।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘ यह सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, यह प्रभाव की बात है। दुनिया भर के देश पारंपरिक क्षेत्रों को आधुनिक बनाने और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए डिजिटलीकरण को अपना रहे हैं, ऐसे में भारत एक रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदार बनने के लिए तैयार है।’’

भारत के व्यापार के लिए खुला होने और नेतृत्व करने के लिए तैयार होने की बात पर जोर देते हुए प्रसाद ने उद्योग जगत के लोगों से आग्रह किया कि वे अपनी भविष्य की रणनीतियों में अनुसंधान को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

मंत्री ने कहा, ‘‘ भारत दुनिया की कौशल राजधानी है और हम कौशल के मोर्चे पर अपनी अपार बढ़त को देखते हुए इसे दुनिया से साझा करने, उद्यम करने और विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने को तैयार हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि भविष्य के कौशल कार्यक्रम हर गली-मोहल्ले से लेकर जमीनी स्तर पर अंतिम छोर तक…हमारे गांवों तक पहुंचें, जहां हमारा कार्यबल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया भर में हो रहे बदलाव से निपटने और उसमें शामिल होने के लिए तैयार हो।’’

प्रसाद ने कहा कि देश की ताकत गतिशील वैश्विक परिदृश्य में नवाचार और जुझारूपन की उसकी क्षमता को दर्शाती है।

उन्होंने कहा कि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग उस दूरदर्शिता और जुझारूपन का प्रमाण है।

प्रसाद ने कहा, ‘‘ वित्त वर्ष 2023-24 में, इस उद्योग ने 254 अरब अमेरिकी डॉलर का उल्लेखनीय राजस्व दर्ज किया, जो एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में इसकी भूमिका को रेखांकित करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ 80 से अधिक देशों में उपस्थिति और फॉर्च्यून 500 कंपनियों को अत्याधुनिक समाधान प्रदान करने के रिकॉर्ड के साथ, भारतीय आईटी कंपनियां नवाचार, विश्वसनीयता और उत्कृष्टता का पर्याय बन गई हैं। हमारी ताकत हमारे अत्यधिक कुशल कार्यबल, उभरती प्रौद्योगिकियों में हमारी गहरी विशेषज्ञता और दुनिया के साथ इसकी डिजिटल बदलाव यात्रा में साझेदारी करने की हमारी क्षमता में निहित है।’’

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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