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Monday, 27 October, 2025
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इंडियन ऑयल का दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ कई गुना होकर 7,610 करोड़ रुपये पर

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नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) दिग्गज पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसी) का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ सालाना आधार पर कई गुना बढ़कर 7,610 करोड़ रुपये हो गया।

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आईओसी ने सोमवार को जुलाई-सितंबर, 2025 तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे जारी करते हुए कहा कि रिफाइनिंग मार्जिन और परिचालन दक्षता बेहतर होने से इसके लाभ में जोरदार उछाल आया है।

आलोच्य तिमाही में कंपनी का एकल आधार पर शुद्ध लाभ बढ़कर 7,610 करोड़ रुपये हो गया जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 180 करोड़ रुपये था।

इंडियन ऑयल के चेयरमैन अरविंदर सिंह साहनी ने नतीजे के बारे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘शुद्ध लाभ में यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से परिचालन दक्षता और ऊंचे रिफाइनिंग मार्जिन का परिणाम है।’’

विभिन्न क्षेत्रों में परिचालन दक्षता कार्यक्रम चला रही कंपनी ने बीती तिमाही में समान क्षमता पर कच्चे तेल के प्रसंस्करण में पांच प्रतिशत और ईंधन बिक्री में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

इसके साथ कंपनी ने एक साल में पहली बार मौजूदा स्टॉक पर मामूली लाभ भी अर्जित किया। जुलाई-सितंबर, 2024 में इसे स्टॉक पर भारी नुकसान हुआ था।

आलोच्य तिमाही में आईओसी ने पेट्रोल एवं डीजल जैसे ईंधन में बदले गए प्रत्येक बैरल कच्चे तेल पर 10.6 डॉलर कमाए, जबकि अप्रैल-जून तिमाही में इसका सकल रिफाइनिंग मार्जिन 2.15 डॉलर रहा था। पिछले साल की दूसरी तिमाही में इसका रिफाइनिंग मार्जिन 1.59 डॉलर प्रति बैरल था।

साहनी ने कहा कि आईओसी की रिफाइनरियों ने 1.76 करोड़ टन कच्चे तेल का प्रसंस्करण किया जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 1.67 करोड़ टन था।

कंपनी ने सितंबर तिमाही में 13 लाख टन अधिक पेट्रोलियम उत्पाद बेचे, जिससे बिक्री की मात्रा छह प्रतिशत बढ़कर 2.42 करोड़ टन हो गई।

उन्होंने कहा, ‘‘अप्रैल-सितंबर की पहली छमाही में हमारी बिक्री अब तक सबसे ज्यादा 5.06 करोड़ टन रही जो पिछले साल इसी अवधि में 4.82 करोड़ टन थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस मजबूत बिक्री को देखते हुए, हमें पिछले वित्त वर्ष में हासिल किए गए 10 करोड़ टन के रिकॉर्ड को इस वित्त वर्ष में पार कर जाने का भरोसा है।’’

कंपनी की घरेलू पेट्रोलियम बिक्री पहली छमाही में चार प्रतिशत बढ़ी, जबकि उद्योग की वृद्धि 3.9 प्रतिशत रही। वहीं डीजल की संस्थागत बिक्री में लगभग 36 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि उद्योग की बिक्री में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

पेट्रोरसायन की बिक्री पहली छमाही में पांच प्रतिशत बढ़कर 15.4 लाख टन हो गई।

आईओसी ने दूसरी तिमाही में 18.4 लाख टन की अब तक की सबसे ज्यादा तिमाही गैस बिक्री दर्ज की।

साहनी ने कहा कि दूसरी तिमाही में ईंधन निर्यात 37 प्रतिशत बढ़कर 14.1 लाख टन हो गया, क्योंकि कंपनी ने घरेलू बाजार में न बिकने वाले उत्पादों को बेचने के लिए विदेशी बाजारों का सहारा लिया।

उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही में बिक्री बढ़कर 2.04 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले 1.96 लाख करोड़ रुपये थी।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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