नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) पिछले दशक में भारतीय आइसक्रीम के बाजार में चार गुना की बढ़ोतरी हुई है और अगले तीन वर्षों में इसके 45,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने की उम्मीद है। उद्योग निकाय ने शुक्रवार को यह संभावना जताई।
भारतीय आइसक्रीम विनिर्माण संघ (आईआईसीएमए) के आंकड़ों के मुताबिक, आइसक्रीम बाजार मौसमी प्रकृति का होने के बावजूद लोगों की खर्च-योग्य आय में वृद्धि, उपभोक्ता पसंद में बदलाव और वितरण चैनलों के विस्तार की वजह से आइसक्रीम के बाजार में भारी वृद्धि देखी गई है।
आईआईसीएमए ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत में पिछले दस वर्षों में आइसक्रीम की खपत में चार गुना वृद्धि देखी गई है। वास्तव में, इस क्षेत्र के अगले तीन वर्षों में 45,000 करोड़ रुपये और अगले आठ वर्षों में 90,000 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच जाने का अनुमान है।’’
इसके अलावा, ठोस दूध उत्पादों और पैकेजिंग सामग्री की कीमतों में स्थिरता ने आइसक्रीम निर्माताओं को प्रतिस्पर्धी मूल्य रखने और लाभप्रदता बढ़ाने में सक्षम बनाया है।
उद्योग निकाय ने कहा, ‘‘उपभोक्ता प्रीमियम, स्वास्थ्य-उन्मुख और अभिनव स्वादों की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं, जिससे ब्रांड प्लांट-आधारित, कम चीनी और उच्च प्रोटीन वाली आइसक्रीम की पेशकश कर रहे हैं।’’
इसके अलावा, सरकार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश पर प्रोत्साहन भी दे रही है। यह रणनीतिक दृष्टिकोण भारत को बढ़ते आइसक्रीम बाजार का लाभ उठाने के इच्छुक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित करता है।
संगठन ने कहा, ‘बढ़ती खर्च-योग्य आय, शहरीकरण और विकसित उपभोक्ता प्राथमिकताएं खासकर पहली एवं दूसरी श्रेणी के शहरों में मांग को बढ़ावा दे रही हैं।’’
आईआईसीएमए ने 27 मार्च को आइसक्रीम दिवस घोषित किया है। केंद्रीय पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल ने आधिकारिक तौर पर इस कार्यक्रम की शुरुआत की।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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