नयी दिल्ली, पांच अप्रैल (भाषा) भारतीय निर्यातक अमेरिका में बहुत अधिक आयात शुल्क का सामना कर रहे प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में अतिरिक्त अमेरिकी सीमा शुल्क से निपटने के लिए कहीं बेहतर स्थिति में हैं। शनिवार को सूत्रों ने यह बात कही।
सूत्रों ने कहा कि अमेरिका के जवाबी सीमा शुल्क लगाने से प्रभावित होने वाले झींगा जैसे क्षेत्रों को निर्यात बढ़ाने के लिए यूरोपीय संघ जैसे नए बाजारों की तलाश करनी होगी।
सूत्रों ने कहा, ‘भारत अमेरिका की तरफ से दो अप्रैल से लगाए गए जवाबी सीमा शुल्क पर विजेता के रूप में उभरा है।’
उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत जारी होने से भारत मौजूदा हालात से निपटने के लिए कहीं बेहतर स्थिति में है।
दो अप्रैल से अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया है जबकि वियतनाम को 46 प्रतिशत, चीन को 34 प्रतिशत, इंडोनेशिया को 32 प्रतिशत और थाईलैंड को 36 प्रतिशत सीमा शुल्क का सामना करना पड़ रहा है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि वाणिज्य मंत्रालय इन शुल्कों के बारे में घरेलू निर्यातकों से संपर्क कर रहा है। निर्यातकों को सहायता उपायों का विस्तार करने के लिए निर्यात संवर्धन मिशन तैयार करने का काम प्रगति पर है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने सभी मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) में अपने डेयरी क्षेत्र का बचाव किया है और वह आगे भी ऐसा करना जारी रखेगा।
इसके साथ ही अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से भारतीय निर्यातकों को अपनी निर्यात खेप बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘सरकार ऐसी स्थिति में माल की डंपिंग की किसी भी आशंका से घरेलू उद्योग की रक्षा करने के लिए मौजूद है।’
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