कोलंबो, 22 जून (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की अगुवाई में भारत सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को यहां आएगा। अपनी यात्रा के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका की वित्तीय स्थिति का आकलन करने और यह समझने की कोशिश करेगा कि क्या इस देश को वित्तीय सहायता की एक और किस्त देने की जरूरत है।
श्रीलंका 1948 में अपनी आजादी के बाद से सबसे भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसके चलते वहां भोजन, दवा, रसोई गैस और ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी किल्लत हो गई है। श्रीलंका का कुल विदेशी कर्ज 51 अरब डॉलर है।
डेली मिरर अखबार के अनुसार नागेश्वरन के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल तीन घंटे तक देश में रहेगा और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ बातचीत करेगा।
रिपोर्ट में कहा गया कि यह यात्रा 20 जून को नई दिल्ली में श्रीलंकाई दूत मिलिंडा मोरागोडा की विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठकों के बाद तय हुई।
यहां भारतीय उच्चायोग के अनुसार भारत की ओर से लगभग 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर की आर्थिक सहायता दी गई है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.