वाशिंगटन, 27 फरवरी (भाषा) भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी और उद्यम पूंजीपति एम आर रंगास्वामी का मानना है कि भारत अगले दशक में दुनिया की एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरकर सामने आएगा।
सॉफ्टवेयर परामर्श एवं निवेश कंपनी सैंडहिल ग्रुप के संस्थापक सदस्य रंगास्वामी ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का परिसर खुलना, श्रीलंका में आधार की तर्ज पर नागरिकों की पहचान व्यवस्था का वित्तपोषण और नेपाल में यूपीआई आधारित भुगतान प्रणाली की शुरुआत जैसी घटनाएं एक-दूसरे से संबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हाल के घटनाक्रम ऊपर से देखने में एक-दूसरे से असंबद्ध लग सकते हैं। लेकिन अगर आप सबको एक साथ रखकर देखें तो आपको मौजूद संभावनाएं नजर आने लगेंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह शायद भारत के एक वैश्विक शक्ति होने की शुरुआत है। इसकी शुरुआत आप अपने पड़ोस से ही करते हैं। लेकिन मुझे आने वाले समय में यह अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया, लातिनी अमेरिका और कई अन्य क्षेत्रों तक पहुंचता दिख रहा है।’’
इसके साथ ही रंगास्वामी ने कहा कि दुनियाभर में फैले हुए भारतीय मूल के करीब 3.2 करोड़ लोग भी भारत को वैश्विक महत्ता देने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। अमेरिका में भारतीय समुदाय के एक प्रमुख नेता माने जाने वाले रंगास्वामी ने कहा कि विदेशी धरती पर भारतीय कारोबार लगातार फल-फूल रहे हैं।
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प्रेम अजय
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