नागपुर, 15 फरवरी (भाषा) भारत वर्ष 2024 तक ताप बिजली उत्पादन के लिए कोयले के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल कर लेगा।
कोयला सचिव अनिल कुमार जैन ने मंगलवार को कोल इंडिया की अनुषंगी वेस्टर्न कोलफील्ड्स लि. (डब्ल्यूसीएल) की समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से यह बात कही।
उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर कोयले का उत्पादन 10 प्रतिशत बढ़ेगा और 2024 तक ताप बिजली के लिए इस शुष्क ईंधन के आयात की जरूरत समाप्त हो जाएगी।
इस बैठक में डब्ल्यूसीएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मनोज कुमार, कंपनी के निदेशक, मुख्य सतर्कता अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
जैन ने कहा कि 2024 तक ताप बिजली के लिए कोयला आयात करने की जरूरत समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि ताप बिजलीघरों के लिए नौ करोड़ टन कोयले का आयात किया जाता है। ऐसी उम्मीद है कि इस साल इसमें से छह से सात करोड़ टन हम घरेलू स्तर पर हासिल कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि 2023 में ताप बिजली के लिए कोयले के आयात की जरूरत काफी सीमित हो जाएगी।
जैन ने कहा कि अगले साल बिजली की मांग में करीब 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
भाषा अजय प्रेम
प्रेम
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.