नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए), प्रौद्योगिकी में निवेश और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के विविधीकरण जैसे कारकों के चलते वर्ष 2030 तक दोगुना हो जाएगा। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है ब्रिटेन के साथ भारत का वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार 2022 में बढ़कर 31.34 अरब डॉलर हो गया, जो 2015 में 19.51 अरब डॉलर था।
ब्रिटेन मीट्स इंडिया रिपोर्ट 2022 के दूसरे संस्करण को बृहस्पतिवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ साझेदारी में ग्रांट थॉर्नटन भारत द्वारा किया गया।
रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में ब्रिटेन की 618 कंपनियों की पहचान की गई है, जो एक साथ लगभग 4.66 लाख लोगों को रोजगार देती हैं और उनका कुल कारोबार 3,634.9 अरब रुपये का है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘वर्ष 2000-2022 तक लगभग 31.92 अरब डॉलर के संचयी निवेश के साथ ब्रिटेन भारत में छठा सबसे बड़ा निवेशक बना रहा। यह भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का लगभग 5.4 प्रतिशत है।’’
इससे पहले वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जून में उम्मीद जताई थी कि भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता दिवाली तक पूरा हो जाएगा।
भाषा जतिन अजय
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