(अदिति खन्ना)
लंदन, 24 जुलाई (भाषा) भारत और ब्रिटेन ने बृहस्पतिवार को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए जिससे सालाना द्विपक्षीय व्यापार में करीब 34 अरब डॉलर का इजाफा होने की उम्मीद है।
इस समझौते से 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर शुल्क समाप्त होने के साथ ब्रिटिश व्हिस्की, कारों एवं कई अन्य वस्तुओं पर लगने वाले शुल्क में भी कटौती होगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड ने इस पर हस्ताक्षर किए।
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि इस एफटीए के लागू होने से 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात को शुल्क से राहत मिलने की उम्मीद है। यह ब्रिटिश कंपनियों के लिए व्हिस्की, कारों और अन्य उत्पादों का भारत में निर्यात भी आसान करेगा। इस तरह दोनों देशों के बीच कुल व्यापार में बढ़ोतरी होगी।
दोनों देशों के बीच तीन साल की बातचीत के बाद इस व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया गया है। इससे भारतीय वस्तुओं को सभी क्षेत्रों में व्यापक बाजार पहुंच सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने बताया कि भारत को लगभग 99 प्रतिशत उत्पाद श्रेणियों के पूरी तरह शुल्क-मुक्त होने से फायदा होगा। यह छूट लगभग 100 प्रतिशत व्यापार मूल्य को समाहित करती है।
ब्रिटेन ने कहा कि समझौते के बाद भारतीय उपभोक्ताओं को सॉफ्ट ड्रिंक, सौंदर्य प्रसाधन, कार एवं चिकित्सा उपकरण जैसे बेहतरीन ब्रिटिश उत्पादों तक आसान पहुंच मिलेगी। इसकी वजह यह है कि एफटीए लागू होने के बाद औसत सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से घटकर तीन प्रतिशत रह जाएगा।
मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने से कुछ घंटे पहले ब्रिटेन ने एक बयान में कहा कि वह पहले से ही भारत से 11 अरब पाउंड का सामान आयात करता है लेकिन भारतीय वस्तुओं पर शुल्क कम होने से ब्रिटिश उपभोक्ताओं एवं कंपनियों के लिए भारतीय उत्पादों की खरीद अधिक आसान और सस्ती हो जाएगी। इससे भारतीय कंपनियों की तरफ से ब्रिटेन को किए जाने वाले निर्यात में भी बढ़ोतरी होगी।
बयान में मेजबान देश के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत के साथ हमारा ऐतिहासिक व्यापार समझौता ब्रिटेन के लिए एक बड़ी जीत है।’’
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि ब्रिटेन के साथ हुए ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते से भारत को काफी फायदा होने की उम्मीद है। यह समझौता होने से लगभग 99 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क समाप्त हो जाएंगे जिनका व्यापार मूल्य लगभग 100 प्रतिशत है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह व्यापार समझौता ब्रिटिश कंपनियों के लिए भी व्हिस्की, कारों और अन्य उत्पादों का भारत में निर्यात करना आसान बनाएगा, जिससे कुल द्विपक्षीय व्यापार बढ़ेगा।
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