नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) भारत ने 2023-24 में 18.48 गीगावाट की रिकॉर्ड नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी है। यह इससे पिछले वित्त वर्ष में जोड़ी गई 15.27 गीगावाट क्षमता से 21 प्रतिशत अधिक है। नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय के ताजा आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
हालांकि, उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगले छह साल तक सालाना कम से कम 50 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ने की जरूरत है।
आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च, 2024 तक भारत की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 143.64 गीगावाट है। इसमें 47 गीगावाट की बड़ी जलविद्युत क्षमता (प्रत्येक संयंत्र 25 गीगावाट या उससे अधिक) शामिल नहीं है।
उन्होंने बताया कि बड़ी पनबिजली परियोजनाओं सहित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता फिलहाल लगभग 190 गीगावाट है। इसलिए भारत को अगले छह साल में 310 गीगावाट या प्रतिवर्ष औसतन 50 गीगावाट क्षमता जोड़ने की जरूरत है।
केंद्रीय बिजली एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने हाल ही में पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा था, ‘‘आप देखिए, नवीकरणीय ऊर्जा की हमारी स्थापित क्षमता लगभग 190 गीगावाट है। 103 गीगावाट निर्माणाधीन है। इस तरह यह कुल 290 गीगावाट बैठती है। निविदा प्रक्रिया के तहत 72 गीगावाट क्षमता है। मैं अन्य लक्ष्यों की तरह 500 गीगावाट के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य पर भी निर्धारित समय से पहले पहुंच जाऊंगा।’’
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