नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि वैश्विक पेट्रोकेमिकल मांग में होने वाली वृद्धि में दस फीसदी योगदान भारत का होगा। हालांकि देश में प्रति व्यक्ति खपत विकसित देशों की तुलना में उल्लेखनीय रूप से कम है।
तेल और गैस को दैनिक उपयोग की वस्तुएं मसलन प्लास्टिक, उर्वरक, पैकेजिंग, कपड़ा, डिजिटल उपकरण, चिकित्सा उपकरण, डिटर्जेंट या टायर में बदलने में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोकैमिकल वैश्विक तेल खपत में बड़ी हिस्सेदारी रखते हैं। अंततराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के मुताबिक, 2050 तक तेल की मांग में होने वाली वृद्धि में इनकी हिस्सेदारी आधी से अधिक होगी।
पुरी ने यहां सातवें पेट्रोकेमिकल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत में पेट्रोकेमिकल बाजार का मौजूदा आकार करीब 190 अरब डॉलर है जबकि इनकी प्रति व्यक्ति खपत विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बहुत कम है। यह अंतर मांग और निवेश अवसरों में वृद्धि के लिए जगह बनाएगा।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया में ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता भारत वैश्विक पेट्रोकेमिकल विनिर्माण केंद्र बनने पर भी ध्यान दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘पेट्रोकेमिकल उद्योग की वृद्धि को गति देने में बढ़ती आबादी में पेट्रोकैमिकल उत्पादों की बढ़ती मांग और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था एक अहम कारक है। पेट्रोकेमिकल की वैश्विक मांग में वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी दस फीसदी होगी।’’
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई। इसके मुताबिक आईओसी के चेयरमैन एस एम वैद्य ने कहा, ‘‘तेल और गैस की वैश्विक मांग में पेट्रोकेमिकल उत्पादन क्रमश: 14 फीसदी और आठ फीसदी है। नई प्रौद्योगिकियों की वजह से यह जल्द ही 30 फीसदी होने की उम्मीद है।’’
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