नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) वैश्विक मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) भारत से सालाना लगभग दो अरब डॉलर के एयरोस्पेस कलपुर्जों और सेवाओं की आपूर्ति कर रहे हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
भारतीय विमानन और अंतरिक्ष क्षेत्र में अवसरों को उजागर करते हुए, नागर विमानन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने कहा कि देश एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) गतिविधियों के लिए भी एक गंतव्य बन रहा है, जो एयरलाइन कंपनियों के लिए कम लागत के साथ मदद करेगी, अधिक नौकरियां पैदा करेगी और सेवा क्षमताओं को बढ़ाएगी।
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक है और विमानन कंपनियों ने विमान के लिए बड़े ऑर्डर दिए हैं क्योंकि वे अपने बेड़े के साथ-साथ बढ़ती हवाई यात्रा की मांग को पूरा करने के लिए नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं।
सिन्हा ने कहा कि वैश्विक ओईएम भारत से सालाना दो अरब डॉलर से अधिक विमानन एवं अंतरिक्ष कलपुर्जों और सेवाओं की आपूर्ति करता है।
उन्होंने ‘विंग्स इंडिया-2026’ की घोषणा करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में पर्यावरण अनुकूलता पर ध्यान देने के साथ जिम्मेदारी से मापन करने की जरूरत पर भी जोर दिया। ‘विंग्स इंडिया-2026’ एक विमानन सम्मेलन है, जो जनवरी, 2026 में हैदराबाद में आयोजित किया जाएगा।
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