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Sunday, 17 November, 2024
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चीन की अपारदर्शी व्यापार प्रथाओं के कारण भारत को आरसीईपी से बहुत कम लाभ: जीटीआरआई

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नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) थिंक टैंक जीटीआरआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत को क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते से बहुत कम लाभ मिलेगा।

जीटीआरआई ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस ब्लॉक के सदस्य देशों के साथ बढ़ते व्यापार घाटे और चीन की अपारदर्शी व्यापार प्रथाओं के कारण भारत बहुत अधिक लाभ नहीं उठा पाएगा।

भारत ने वर्ष 2019 में व्यापार असंतुलन और घरेलू उद्योगों पर इसके प्रभाव की चिंताओं के कारण आरसीईपी ब्लॉक में शामिल नहीं होने का फैसला किया था।

आरसीईपी एक तरह का व्यापक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) है, जिस पर 10 आसियान सदस्य देशों, और उनके छह मुक्त व्यापार भागीदारों – चीन, भारत, दक्षिण कोरिया, जापान, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच बातचीत हुई थी।

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव और व्यापार विशेषज्ञ अभिजीत दास की रिपोर्ट के अनुसार, ”विशेष रूप से चीन की अपारदर्शी व्यापार प्रथाओं को देखते हुए आरसीईपी से भारत को बहुत कम लाभ होगा। भारत अपने बड़े व्यापार घाटे के कारण चीन के साथ द्विपक्षीय एफटीए नहीं कर सकता। हालांकि, आरसीईपी में शामिल होने से समस्या अधिक बढ़ सकती है।”

रिपोर्ट में कहा गया कि आरसीईपी के तहत चीनी माल पहले दिन से ही न्यूनतम प्रसंस्करण के साथ अन्य आरसीईपी देशों के जरिये आसानी से भारत में प्रवेश कर सकता है।

यह रिपोर्ट इसलिए महत्वपुर्ण है क्योंकि नीति आयोग के सीईओ बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत को आरसीईपी का हिस्सा होना चाहिए।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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