नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) भारत ने इजराइल से 10 कृषि वस्तुओं के लिए बाजार पहुंच प्रदान करने का अनुरोध किया है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके इजराइली समकक्ष एवी डिचर के बीच मंगलवार को यहां हुई द्विपक्षीय बैठक में यह मुद्दा उठा।
भारत जिन उत्पादों के लिए बाजार पहुंच चाहता है, उनमें प्याज, आलू, लहसुन, हरी मिर्च, हल्दी, अनानास, आम, अनार, अंगूर और भिंडी बीज शामिल हैं।
बैठक के बाद डिचर ने मीडिया से कहा, ‘रोजमर्रा के व्यापार के बारे में हम प्लांट प्रोटेक्शन इंडियन इजराइल सर्विसेज (पीपीआईएस) से बात करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम एक तरफ से दूसरी तरफ माल की निर्यात खेप बढ़ा सकें।’
दोनों देशों ने कृषि में सहयोग बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जिसमें वर्ष 2024-26 के लिए कार्ययोजना पर चर्चा की गई।
सूत्रों के अनुसार, भारत ने इजराइल को प्याज और हरी मिर्च के निर्यात में विशेष रुचि दिखाई है और जल्द ही इसकी तकनीकी जानकारी भेजेगा।
सूत्रों ने बताया कि भारत ने इजरायल से इस प्रक्रिया में तेजी लाने और अन्य आठ वस्तुओं को जल्द से जल्द बाजार में पहुंच प्रदान करने का अनुरोध किया।
जलवायु-अनुकूल बीज विकसित करने और किसानों के लिए बीज की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए इजरायली एजेंसी माशाव के साथ अनुसंधान और विकास गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक रूपरेखा विकसित करने के लिए संयुक्त कार्यसमूह का गठन किया जाएगा।
चौहान ने कहा, ‘हमने कई अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की। इजरायल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। विचार-विमर्श फलदायी रहा।’ उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत भर में 35 उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) परिचालन में हैं।
डिचर ने जलवायु परिवर्तन पर ध्यान देने पर जोर देते हुए कहा, ‘‘हमने कार्यसमूह बनाकर और गेहूं और अन्य मसलों के लिए बीज में सुधार पर ध्यान केंद्रित करके समझौते को कार्रवाई योग्य वस्तुओं में बदलने का फैसला किया है।’
बैठक से पहले, इजरायली प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिसर का दौरा किया, जहां उन्होंने वर्ष 1996 में स्थापित अनुसंधान और विकास और प्रदर्शन फार्मों पर भारत-इजरायल परियोजना के बारे में जाना।
भाषा राजेश राजेश अजय
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