नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) देश में मुक्त क्षेत्र लाइसेंसिंग नीति (ओएएलपी) के अंतर्गत ताजा दौर की बोली में पेश आठ तेल एवं गैस ब्लॉकों के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की तीन कंपनियों समेत कुल चार ने 10 बोलियां लगायी हैं।
हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) के अनुसार, आठ ब्लॉक में से छह के लिये एक-एक बोली मिली है। जबकि अन्य क्षेत्रों के लिये दो बोलीदाता हैं।
डीजीएच ने ओएएलपी के सातवें दौर में प्राप्त बोलियों की जानकारी देते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने आठ ब्लॉक में से पांच के लिये बोलियां लगाईं। वहीं ऑयल इंडिया दो ब्लॉक के लिये एकमात्र बोलीदाता है। गेल राजस्थान के एक ब्लॉक के लिये अकेली बोलीदाता है।
ओएनजीसी तीन ब्लॉक में एकमात्र बोलीदाता है। जबकि दो अन्य में उसकी सन पेट्रोकेमिकल्स प्राइवेट लि. के साथ प्रतिस्पर्धा है।
ओएएलपी के सातवें दौर में पेश किये गये आठ ब्लॉक में छह अवसादी बेसिन और पांच राज्यों में फैले हैं। इन ब्लॉकों का कुल क्षेत्र 15,766 वर्ग किलोमीटर है। पांच ब्लॉक स्थलीय क्षेत्र में, दो छिछले जल क्षेत्र तथा एक ब्लॉक गहरे जल क्षेत्र में है।
इससे पिछली बोली यानी ओएएलपी के छठे दौर में भी केवल तीन बोलीदाता थे। इनमें से दो ओएनजीसी और ओआईएल थे। तीसरी कंपनी सन पेट्रोकेमिकल्स थी। पिछले दौर में 21 ब्लॉक या क्षेत्र की पेशकश की गयी थी। इसमें ओएनजीसी 16 के लिये एकमात्र बोलीदाता थी।
सरकार ने अबतक ओएएलपी के छठे दौर के सफल बोलीदाताओं की घोषणा नहीं की है।
सरकार यह उम्मीद कर रही है कि और क्षेत्रों को उत्खनन और उत्पादन के दायरे में लाने से देश में तेल एवं गैस उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इससे 90 अरब डॉलर के तेल आयात बिल में कमी लाने में मदद मिलेगी।
भाषा
रमण अजय
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