मुंबई, 20 जनवरी (भाषा) भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष 2022-23 में 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने यह अनुमान लगाया है।
एजेंसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि लगभग दो साल के अंतराल के बाद देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अर्थपूर्ण विस्तार होगा। 2022-23 में वास्तविक जीडीपी के 2019-20 (कोविड-पूर्व स्तर) से 9.1 प्रतिशत अधिक रहने का अनुमान है।
इंडिया रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार जीडीपी के रुझान मूल्य से 10.2 प्रतिशत कम रहेगा। ‘‘इस कमी में मुख्य योगदान निजी खपत और निवेश मांग की गिरावट का रहेगा। कुल गिरावट में निजी खपत का हिस्सा 43.4 प्रतिशत और निवेश मांग का हिस्सा 21 प्रतिशत रहेगा।’’
इससे पहले इसी महीने राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने जीडीपी पर अपने पहले अग्रिम अनुमान में कहा था कि 2021-22 में आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रहेगी। इससे पिछले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
इंडिया रेटिंग्स के प्रमुख अर्थशास्त्री और निदेशक लोक वित्त सुनील कुमार सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था की वृद्धि को समर्थन देंगे।
उन्होंने कहा कि अभी सरकार राजकोषीय मजबूती की हड़बड़ी में नहीं है। इसका आशय है कि 2022-23 में भी राजकोषीय घाटा ऊंचा रहेगा। इससे वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
एजेंसी का अनुमान है कि 2022-23 में राजकोषीय घाटा 5.8 प्रतिशत से छह प्रतिशत के बीच रहेगा।
सिन्हा ने कहा कि मुद्रास्फीति का रुझान अभी ऊपर की ओर है और अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार सुस्त है। ऐसे में निकट भविष्य में केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में वृद्धि से बचेगा।
भाषा अजय अजय मानसी
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