नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) देश को प्राकृतिक गैस की ऊंची कीमतों और बिजली उत्पादन के लिये टर्बाइन चलाने को लेकर हवा की धीमी गति के कारण यूरोप में हाल के संकट के मद्देनजर जीवाश्म ईंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए ऊर्जा के विभिन्न उपयुक्त स्रोतों पर गौर करना चाहिए। यह बात संसद में पेश 2021-22 की आर्थिक समीक्षा में कही गयी है।
इसमें कहा गया है कि यूरोप में ऊर्जा की मांग बढ़ने के साथ प्राकृतिक गैस की कीमतों में हाल की तेजी तथा पवन चक्कियों को चलाने के लिये हवा की मंद गति से बिजली उत्पादन पर असर पड़ा।
समीक्षा के अनुसार, यूरोप में ऊर्जा संकट ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों के उपयोग की आवश्यकता को बताता है जिसमें जीवाश्म ईंधन का हिस्सा महत्वपूर्ण है।
साथ ही इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि मांग आधारित ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सौर फोटावोल्टिक और पवन चक्कियों से रुक-रुक होने वाले बिजली उत्पादन को लेकर भंडारण के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
समीक्षा के अनुसार, शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने को लेकर दो चीजें…ऊर्जा के स्वच्छ तथा नवीकरणीय स्रोतों तथा इस ऊर्जा का भंडारण… महत्वपूर्ण है।
भाषा रमण अजय
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