न्यूयॉर्क, 19 सितंबर (भाषा) भारत और लातिनी अमेरिकी तथा कैरेबियाई देशों के समुदाय (सीईएलएसी) ने सोमवार को कोविड महामारी के बाद आर्थिक पुनरुद्धार पर चर्चा की और व्यापार एवं वाणिज्य, स्वास्थ्य, टीका उत्पादन और वीजा जारी करने की व्यवस्था को सुगम बनाने के क्षेत्र में काम करने पर सहमति जतायी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्चस्तरीय सत्र के दौरान अलग से सीईएलएसी प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इसमें अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सैंटियागो कैफिएरो, ग्वाटेमाला के विदेश मंत्री मारियो एडोल्फो बुकारो फ्लोर्स, त्रिनिदाद और टोबैगो के विदेश मंत्री अमेरी ब्राउन और कोलंबिया की बहुपक्षीय मामलों की उप मंत्री लारा गिल सवस्तानो शामिल थी।
भारत-सीईएलएसी (लातिनी अमेरिकी और कैरेबियाई राज्यों का समुदाय) बैठक अर्जेंटीना की अस्थायी अध्यक्षता में आयोजित की गई थी।
यहां जारी बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने पांच साल के अंतराल बाद भारत-सीईएलएसी मंच को पुनर्जीवित करने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने लातिनी अमेरिकी देशों के साथ बढ़ते जुड़ाव पर प्रसन्नता व्यक्त की और भारत-सीईएलएसी संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की।
इसमें कहा गया है, ‘‘बैठक में कोविड महामारी के बाद आर्थिक पुनरुद्धार पर चर्चा की गयी। साथ ही व्यापार एवं वाणिज्य, कृषि, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य, टीका उत्पादन और वीजा जारी की व्यवस्था सुगम बनाने, लॉजिस्टिक आदि क्षेत्रों में काम करने पर सहमति जतायी।’’
जयशंकर ने डिजिटल साक्षरता के महत्व और डिजिटल स्तर पर अंतर को कम करने का जिक्र किया। उन्होंने भारत में एक कार्यशाला आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा। इसमें डिजिटल बदलाव की अगुवाई करने वाली कंपनियां एक दूसरे से बातचीत कर सकेंगी और एक-दूसरे से सीख सकेंगी।
बैठक में आपसी हितों के क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई और सभी पक्ष संयुक्त राष्ट्र सुधार तथा जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों पर मिलकर काम करने पर सहमत हुए।
भाषा
रमण अजय
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