scorecardresearch
बुधवार, 7 मई, 2025
होमदेशअर्थजगतएफटीए को रणनीतिक जरूरतों के नजरिये से भी देख रहा है भारतः बर्थवाल

एफटीए को रणनीतिक जरूरतों के नजरिये से भी देख रहा है भारतः बर्थवाल

Text Size:

नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) केंद्रीय वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने सोमवार को कहा कि भारत विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) को सिर्फ कारोबारी नजरिये से ही नहीं, बल्कि अपनी सामरिक जरूरतों की पूर्ति में मददगार के तौर पर भी देख रहा है।

बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भारत एफटीए को कारोबारी नजरिये के अलावा महत्वपूर्ण खनिजों की सुलभ आपूर्ति जैसी रणनीतिक जरूरतों की पूर्ति के नजरिये से भी देख रहा है।

उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली बैटरी के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की उपलब्धता का उदाहरण देते हुए कहा कि इस संबंध में भारत की ऑस्ट्रेलिया से बातचीत चल रही है।

इसके अलावा दक्षिण अमेरिकी देश पेरू और चिली में भी इन खनिजों की बहुलता है। इस पहलू को ध्यान में रखते हुए भारत इन दोनों दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ भी मुक्त व्यापार समझौतों की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

बर्थवाल ने कहा, ‘‘इस तरह देखें, तो अब हम व्यापार के अलावा एफटीए को अपने सामरिक हितों के लिहाज से भी देख रहे हैं। इन व्यापार समझौतों के प्रति यह हमारा नया नजरिया है।’’

इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों में लिथियम, निकेल, कोबाल्ट, मैंगनीज और ग्रेफाइट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों का इस्तेमाल होता है। इन खनिजों की आपूर्ति सुगम होने से भारत को अपने ऊर्जा बदलाव में मदद मिलेगी।

दो देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता होने पर उन दोनों पक्षों के बीच अधिकांश उत्पादों के व्यापार पर लगने वाला कर या तो शून्य हो जाता है या बहुत कम रह जाता है। इससे दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलता है।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments