(मौमिता बख्शी चटर्जी)
नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को उपग्रह इंटरनेट क्षेत्र में और अधिक खिलाड़ियों की मौजूदगी का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इस सेवा की विशेष रूप से भारत जैसे विशाल बाजार के ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में जरूरत है।
सरकार ने पहले ही अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल समर्थित फर्मों को सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं देने के लिए लाइसेंस दे दिए हैं।
सिंधिया ने संकेत दिया कि अगर अन्य खिलाड़ी सुरक्षा और नियामक मानदंडों को पूरा करते हैं, तो और अधिक लाइसेंस दिए जा सकते हैं।
मंत्री का यह बयान एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के लिए सकारात्मक है, जो भारत में परिचालन शुरू करना चाहती है। स्टारलिंक ने पिछले महीने अंबानी की रिलायंस जियो और मित्तल की भारती एयरटेल के साथ समझौते किए हैं। ये दोनों कंपनियां देश के दूरसंचार बाजार के 70 प्रतिशत से अधिक हिस्से को नियंत्रित करती हैं।
सिंधिया ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि भारत में हर कंपनी का स्वागत है। उन्होंने स्टारलिंक के लाइसेंस आवेदन पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन रिपोर्ट बताती है कि इसे प्रारंभिक विनियामक मंजूरी मिल सकती है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान मस्क से मुलाकात की थी और पिछले हफ्ते दुनिया के सबसे अमीर आदमी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी। मस्क अपनी इलेक्ट्रिक कार टेस्ला भारत में बेचना चाहते हैं, लेकिन वह अधिक आयात शुल्क की बाधाओं का सामना कर रहे हैं।
मस्क ने कहा है कि वह इस साल के अंत में भारत का दौरा करेंगे। इस संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सिंधिया ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उनकी यहां की यात्रा सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) प्रमुख के साथ ही उनके कई व्यावसायिक उद्यमों के नेतृत्वकर्ता के रूप में होगी। मुझे लगता है कि भारत आपसी संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक बाजार में एकीकरण बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन बाजार है।’’
संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री सिंधिया ने सैटकॉम को भारत के लिए अनिवार्य बताते हुए कहा कि इस प्रौद्योगिकी की मदद से दुर्गम या अछूते क्षेत्रों में संपर्क स्थापित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘दूरसंचार के लिहाज से हम बाजार में सभी खिलाड़ियों का स्वागत करते हैं। मैं ग्राहक केंद्रित हूं। यह मेरा काम है कि मैं अपने ग्राहकों को विकल्प दूं और मैं चाहूंगा कि अधिक से अधिक उपग्रह कंपनियां भारत में काम करें।’’
उन्होंने कहा कि सैटकॉम के माध्यम से उन ग्राहकों को अंतिम छोर तक जोड़ा जा सका है, जहां तक पारंपरिक नेटवर्क या ऑप्टिकल फाइबर केबल या ब्रॉडबैंड, फिक्स्ड या मोबाइल के माध्यम से नहीं पहुंचा जा सकता है।
भाषा पाण्डेय अजय
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