नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) भारत ने सोमवार को दुबई एक्सपो में जैविक उत्पादों की निर्यात क्षमता को रेखांकित करते हुए वैश्विक निवेशकों से देश की कृषि आपूर्ति श्रृंखला में निवेश करने का आह्वान किया।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव, पी के स्वैन ने भारतीय कृषि के अवसरों और निर्यात क्षमता पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत दुनिया की खाद्य टोकरी बनने की राह की ओर अग्रसर है।’’ उन्होंने कहा कि देश अच्छी कृषि पद्धतियों के साथ खाद्य और पोषण सुरक्षा दोनों की पेशकश कर रहा है।
इस क्षेत्र के विस्तार की सराहना करते हुए स्वैन ने कहा कि भारत जैविक बागवानी के बेहतर विकास के साथ इतिहास रचने की प्रक्रिया में है।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि उन्होंने ‘‘वैश्विक निवेशकों से कृषि आपूर्ति श्रृंखला में निवेश करने और इस क्षेत्र में सरकार द्वारा शुरू की गई एफडीआई नीतियों का लाभ उठाने का आग्रह किया।’’
भारत में जैविक और बागवानी उत्पादों की निर्यात क्षमता के बारे में बात करते हुए, कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव प्रिय रंजन ने कहा कि सरकार ने जैविक उत्पादों के लिए प्रमाणीकरण की दो प्रणालियों की शुरुआत की है।
अधिकारी ने आगे इस बात पर जोर दिया कि भारतीय जैविक और बागवानी उत्पादों की बेहतर स्वीकार्यता के लिए उपयुक्त स्वच्छता प्रोटोकॉल सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
रंजन ने कहा, ‘‘हमने वर्ष 2030 तक वैश्विक फल और सब्जी बाजार में 10 प्रतिशत निर्यात हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखा है।’’
महामारी के बावजूद, भारत का जैविक उत्पाद निर्यात वर्ष 2019-20 के मुकाबले वर्ष 2020-21 में 51 प्रतिशत बढ़कर 8,88,180 टन हो गया।
भाषा राजेश राजेश रमण
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