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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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अब आउटसोर्सिग से हटकर प्रौद्योगिकी, नवोन्मेषण का केंद्र बन चुका है भारतः वर्जिन अटलांटिक सीईओ

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(मौमिता बख्शी चटर्जी और मनोज राममोहन)

नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) ब्रिटिश एयरलाइन वर्जिन अटलांटिक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शाई वेइस ने कहा है कि भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र ने आउटसोर्सिंग मॉडल से लेकर प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेषण का केंद्र बनने तक का सफर तय कर लिया है।

एयरलाइन ने कृत्रिम मेधा (एआई) पर आधारित समाधान के साथ एयरलाइन परिचालन को आधुनिक बनाने के लिए भारतीय आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के साथ सात साल के नए समझौते की घोषणा की है।

वेइस ने पीटीआई-भाषा के साथ खास बातचीत में कहा कि एआई का इस्तेमाल विमानन क्षेत्र को आगे बढ़ाएगा और उद्योग के लिए वैयक्तिक पसंद को ध्यान में रखते हुए सेवाओं को अगले स्तर पर ले जाएगा।

वेइस ने एयरलाइन परिचालन को बेहतर करने में एआई क्षमताओं के इस्तेमाल पर कहा, ‘‘सबसे पहले यह समझना होता है कि आप क्या खरीदना चाहते हैं, आप इसे कैसे खरीदना चाहते हैं, हम आपको सही सीट पर बैठा सकें, और यह अनुमान लगाना कि आप क्या खाना चाहते हैं। इस तरह एआई ग्राहक सेवा और संचालन से जुड़ी हर गतिविधि का अंग है।’’

उन्होंने टीसीएस के साथ साझेदारी पर कहा कि भारत में प्रौद्योगिकी क्षेत्र अब आउटसोर्सिंग से नाटकीय रूप से आगे बढ़कर एक प्रौद्योगिकी एवं नवाचार का केंद्र बन चुका है।

टीसीएस ने वर्जिन अटलांटिक के साथ अपनी दो दशक पुरानी रणनीतिक साझेदारी का हाल ही में विस्तार किया है।

वेइस ने इस साझेदारी पर कहा, ‘‘यदि पिछले 20 साल प्रौद्योगिकी और आउटसोर्सिंग एवं कायाकल्प के बारे में थे तो यह नवाचार के बारे में है। यह वैयक्तिकरण के बारे में है। यह निश्चित रूप से जनरेटिव एआई के बारे में है।’’

इस दीर्घकालिक भागीदारी के तहत टीसीएस एआई-संचालित डिजिटल क्षमता की मदद से वर्जिन अटलांटिक के मुख्य प्रौद्योगिकी संचालन को आधुनिक बनाएगी।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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