नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक, बंदरगाह संपर्क और व्यापार सुविधा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 20 अरब डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है।
ओस्लो में नॉर-शिपिंग सम्मेलन में सोनोवाल ने भारत की बढ़ती समुद्री क्षमताओं का जिक्र किया। इसमें अनुकूल नीति प्रेरित निवेश वातावरण, सिद्ध किये गये जहाज विनिर्माण शक्ति और क्षेत्रीय विकास को गति देने के लिए अभिनव वित्तपोषण योजनाएं शामिल हैं।
एक सरकारी बयान के अनुसार, मंत्री ने नाविक भर्ती के लिए अधिक से अधिक साझेदारी का भी आह्वान किया।
सोनोवाल ने भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी), पूर्वी समुद्री गलियारा (ईएमसी), और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) जैसे रणनीतिक गलियारों के साथ समुद्री संपर्क और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने पर भी का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक, बंदरगाह संपर्क और व्यापार सुविधा बढ़ाने पर केंद्रित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 20 अरब डालर की प्रतिबद्धता जताई है।’’
सोनोवाल ने कहा, ‘‘नीतिगत प्रोत्साहन, व्यापार करने की आसानी और बुनियादी ढांचे में वृद्धि के माध्यम से, हम वर्ष 2047 तक भारत को शीर्ष पांच जहाज निर्माण देशों में से एक के रूप में उभरने की नींव रख रहे हैं।’’
हरित और टिकाऊ समुद्री भविष्य की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत हरित हाइड्रोजन और इसके उत्पादों के विनिर्माण का समर्थन करने और समुद्री क्षेत्र में वैकल्पिक ईंधन के उपयोग में अग्रणी होने के लिए तीन गहरित हाइड्रोजन केंद्र पोर्ट – कांडला, तूतीकोरिन और पारादीप में स्थापित कर रहा है।
सोनोवाल नॉर्वे और डेनमार्क की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं।
भाषा राजेश राजेश रमण
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