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रविवार, 4 मई, 2025
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भारत के समक्ष ग्रामीण, शहरी आय के बीच अंतर समाप्त करने की चुनौती: नीति आयोग दस्तावेज

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नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) देश को विनिर्माण और ‘लॉजिस्टिक’ क्षेत्र में क्षमताओं को बढ़ाने और ग्रामीण तथा शहरी आय के बीच अंतर को समाप्त करने जैसी कुछ संरचनात्मक चुनौतियों का समाधान करने की जरूरत है। नीति आयोग के एक दस्तावेज में यह कहा गया है।

‘विकसित भारत के लिए दृष्टिकोण एट 2047: एक अवधारणा पत्र’ शीर्षक वाले दस्तावेज में कहा गया है कि भारत को मध्यम-आय के जाल से बचने और इससे बाहर निकलने की दिशा में सावधानीपूर्वक काम करने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की शासी परिषद की नौवीं बैठक के दौरान इस दस्तावेज पर चर्चा की गई।

इसमें कहा गया है कि देश को ऊर्जा, सुरक्षा, पहुंच और पर्यावरण अनुकूल उपायों के बीच संतुलन हासिल करने की जरूरत है।

दस्तावेज में कहा गया है कि देश के कृषि कार्यबल को औद्योगिक कार्यबल में बदलने और भारत को वैश्विक विनिर्माण तथा सेवा केंद्र बनाने के लिए उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करना भी उतना ही आवश्यक है।

इसमें कहा गया है कि भारत के लिए एक दृष्टिकोण कुछ व्यक्तियों या एक सरकार का काम नहीं हो सकता है, यह पूरे देश के सामूहिक प्रयासों का परिणाम होना चाहिए।

दस्तावेज के अनुसार, भारत अपने इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और 21वीं सदी भारत की सदी हो सकती है। इसका कारण देश अपनी क्षमताओं के प्रति आश्वस्त होकर भविष्य की ओर बढ़ रहा है।

भाषा रमण दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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