नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) भारत और 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ (ईयू) ने शुक्रवार को सेमीकंडक्टर, कृत्रिम मेधा (एआई), 6जी, स्वच्छ ऊर्जा और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) जैसे क्षेत्रों में सहयोग को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने का संकल्प लिया।
यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन की भारत यात्रा के दौरान आयोजित भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक में दोनों पक्षों ने इन क्षेत्रों में नए अवसरों पर विचार-विमर्श किया।
टीटीसी का अनावरण 2022 में कृत्रिम मेधा, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर और साइबर सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के आदान-प्रदान की सुविधा के लिए किया गया था।
भारत के साथ टीटीसी यूरोपीय संघ की दूसरी ऐसी प्रौद्योगिकी साझेदारी थी, इससे पहले जून, 2021 में अमेरिका के साथ पहली साझेदारी हुई थी।
बैठक में भारतीय दल में विदेश मंत्री एस जयशंकर, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल थे। यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व प्रौद्योगिकी आयुक्त हेना विर्कुनेन, व्यापार आयुक्त मारोस सेफकोविक और नवाचार आयुक्त एकातेरिना जहारिएवा ने किया।
बैठक के बाद, दोनों पक्षों ने कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य की बदलती गतिशीलता के जवाब में वैश्विक स्थिरता, आर्थिक सुरक्षा और सतत एवं समावेशी वृद्धि को बढ़ावा देने में उनकी साझा रुचि है।
संयुक्त बयान के अनुसार, “टीटीसी यूरोपीय संघ और भारत के बीच व्यापार और प्रौद्योगिकी के बीच बढ़ते महत्वपूर्ण संबंधों, दोनों भागीदारों की अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ाने के लिए इन मुद्दों पर सहयोग की क्षमता और संबंधित सुरक्षा चुनौतियों पर मिलकर काम करने की आवश्यकता के बारे में साझा स्वीकृति को दर्शाता है।”
इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष लचीलापन बढ़ाने, संपर्क को मजबूत करने तथा हरित एवं स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के विकास को आगे बढ़ाने के लिए अपनी साझेदारी की क्षमता पर गौर कर रहे हैं।
भाषा अनुराग रमण
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