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Thursday, 20 November, 2025
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भारत, चीन का एशिया प्रशांत क्षेत्र में हवाई यातायात वृद्धि में विशेष योगदान: एएपीए महानिदेशक

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(मनोज राममोहन)

बैंकॉक, 15 नवंबर (भाषा) उद्योग निकाय एएपीए के अनुसार भारत और चीन एशिया प्रशांत क्षेत्र में हवाई यातायात वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं, जहां एयरलाइनें आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं के प्रबंधन में लगातार कुशलता का प्रदर्शन कर रही हैं।

एयर इंडिया सहित 18 एयरलाइनों का प्रतिनिधित्व करने वाली एसोसिएशन ऑफ एशिया पैसिफिक एयरलाइंस (एएपीए) मजबूत अर्थव्यवस्थाओं के साथ ही मजबूत यात्री और मालवहन (कार्गो) मांग को लेकर आशावादी है। निकाय ने कहा कि इस वजह से 2026 में इस क्षेत्र में हवाई परिवहन वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।

एएपीए के महानिदेशक सुभाष मेनन ने यहां पीटीआई-भाषा को बताया कि भारत और चीन एशिया प्रशांत क्षेत्र में हवाई यातायात वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं।

उन्होंने शनिवार को कहा कि इस साल के पहले छह महीनों में भारत में अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात में 16 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

मेनन ने यह भी कहा कि भारतीय बाजार में अपार संभावनाएं मौजूद हैं।

भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में शामिल है और एयरबस के पूर्वानुमान के अनुसार एशिया प्रशांत क्षेत्र में अगले 20 वर्षों में 19,560 नए विमानों की आवश्यकता होगी, जो मुख्य रूप से भारत और चीन की मांग से प्रेरित है।

एएपीए के अनुसार इस साल के पहले नौ महीनों में एशिया प्रशांत क्षेत्र में कुल हवाई यातायात वृद्धि 10 प्रतिशत रही।

एयर इंडिया के बारे में मेनन ने कहा कि यह एयरलाइन एएपीए का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है और एक बहुत बड़े बाजार का प्रतिनिधित्व करती है।

भाषा राजेश राजेश पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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