scorecardresearch
शुक्रवार, 30 मई, 2025
होमदेशअर्थजगतचालू वित्त वर्ष में जापान को पीछे छोड़ चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता भारत

चालू वित्त वर्ष में जापान को पीछे छोड़ चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता भारत

Text Size:

(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) भारत अपनी 6.3-6.8 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि दर के आधार पर चालू वित्त वर्ष में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, जिससे वह जापान से आगे निकल जाएगा।

भारत ने पिछले वित्त वर्ष (2024-25) के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 9.2 प्रतिशत थी।

भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार पिछले वित्त वर्ष में बढ़कर 330.68 लाख करोड़ रुपये या लगभग 3.9 लाख करोड़ डॉलर हो गया। इसके चालू वित्त वर्ष में चार लाख करोड़ डॉलर को पार कर दुनिया में चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को कहा कि अस्थायी अनुमान के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही जो उम्मीद के अनुरूप हैं और भारत अभी भी समकक्ष अर्थव्यवस्थाओं से आगे है।

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 6.3-6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान बरकरार रखा है, जिसमें निजी उपभोग, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार तथा सेवाओं का निर्यात प्रमुख कारक होंगे।

उन्होंने कहा कि कई एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 6.3-6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। सकारात्मक पहलुओं में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट शामिल है, जिससे संभावित रूप से आयात बिल कम होगा और राजकोषीय गुंजाइश बनेगी तथा बाहरी आर्थिक दबाव कम होगा।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि रबी की अच्छी फसल, गर्मियों में अधिक बुवाई और अच्छी खरीद के कारण खाद्य मुद्रास्फीति नरम बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, निर्यात मजबूत रहने की उम्मीद है, रिकॉर्ड विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 11 महीने का आयात कवर प्रदान करेगा और सामान्य से बेहतर मानसून की उम्मीद है।

डॉलर के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर नागेश्वरन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पिछले वित्त वर्ष के लिए 3.9 लाख करोड़ डॉलर का जीडीपी अनुमान दिया है, जो वित्त मंत्रालय के आंतरिक अनुमानों से मेल खाता है।

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने दावा किया था कि भारत पहले ही जापान से आगे निकल चुका है। इस बारे में उन्होंने कहा, “नीति आयोग के सीईओ ने जो कहा, उसे नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य और पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने स्पष्ट किया है कि यह 2025-26 की कहानी है।”

आईएमएफ ने अप्रैल में जारी अपनी विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) रिपोर्ट में कहा था कि भारत 2025 तक 4.19 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ जापान से आगे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

विरमानी ने कहा था, “भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की प्रक्रिया में है, और मुझे व्यक्तिगत रूप से पूरा भरोसा है कि 2025 के अंत तक ऐसा हो जाएगा क्योंकि ऐसा कहने के लिए हमें सभी 12 महीनों के जीडीपी के (डेटा) की आवश्यकता होगी। इसलिए तब तक यह एक पूर्वानुमान ही रहेगा।”

आईएमएफ के आंकड़ों का हवाला देते हुए सुब्रह्मण्यम ने पिछले सप्ताह कहा था कि ‘आज भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार जापान से भी बड़ा है।’

नीति आयोग के सीईओ ने कहा था, “मैं जब बोल रहा हूं, तब हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। मैं जब बोल रहा हूं, तब हम चार लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं।”

चालू वित्त वर्ष की संभावनाओं के बारे में नागेश्वरन ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही में अर्थव्यवस्था की जो गति बढ़ी थी, वह (चालू वित्त वर्ष की) पहली तिमाही में भी जारी है, जैसा कि बिजली खपत, ईवे बिल, पीएमआई आंकड़े जैसे उच्च आवृत्ति वाले आंकड़ों से पता चलता है।

भाषा अनुराग रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments