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Saturday, 15 November, 2025
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भारत महंगाई से बेहतर ढंग से निपटने में सक्षम: सीतारमण

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नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को भरोसा जताया कि भारत खाद्य कीमतों पर आपूर्ति संबंधी दबावों से निपटने के लिए तैयार ‘बहुत अच्छी व्यवस्था’ की वजह से मुद्रास्फीति का सामना कहीं बेहतर ढंग से करने में सफल रहेगा।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जनवरी से ही लगातार छह प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। यह स्तर भारतीय रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से अधिक है।

सीतारमण ने ‘रॉयटर्स नेक्स्ट’ समारोह को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि भारत मुद्रास्फीति का संभवतः बेहतर ढंग से सामना करने में सफल रहेगा। उन्होंने कहा, ‘आरबीआई से भी ऐसे संकेत मिले हैं कि मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख है और अगले साल की शुरुआत या मध्य तक यह सुविधाजनक दायरे में आ जाएगी।’

हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि मुद्रास्फीति पर बाहरी घटकों का असर बने रहने वाला है लेकिन भारत अन्य देशों की तुलना में खाद्य उत्पादों एवं ऊर्जा की आपूर्ति के संदर्भ में ‘अच्छी’ स्थिति में है।

सीतारमण ने कहा, ‘मैं एक अच्छी एवं तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था और अगले साल इसके और बढ़िया रहने की उम्मीद करती हूं।’

इसके साथ ही उन्होंने यह माना कि कच्चे तेल जैसे जिंसों के आयात के कारण मुद्रास्फीति में होने वाला उतार-चढ़ाव आगे भी बना रह सकता है। उन्होंने कहा, ‘कच्चे तेल को किफायती दाम पर सबके लिए उपलब्ध होना चाहिए और इसे एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। अगर वस्तुओं की आवाजाही को बाधित किया जाता है तो उसका हम पर असर देखने को मिलेगा।’

उन्होंने कहा कि भारत का रूस से तेल आयात बढ़ा है और पश्चिमी दुनिया के देश भी रूस से काफी मात्रा में तेल खरीद रहे हैं।

सीतारमण ने कहा, ‘तेल की कीमत का स्तर रूस से तेल खरीद का समर्थन करता है। भारत इसमें अकेला नहीं है। और रूसी तेल का एक कीमत स्तर तय करने की मांग करने वाले भी बड़ी मात्रा में रूस से आयात कर रहे हैं।’

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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