नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) भारत में चिली के राजदूत जुआन अंगुलो ने कहा है कि भारत और चिली 2025 के अंत तक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) के लिए वार्ता पूरा करने पर ध्यान दे रहे हैं। इसमें महत्वपूर्ण खनिज, विशेषकर लिथियम बातचीत का मुख्य केंद्र हैं।
अंगुलो ने ‘पीटीआई भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘हम वार्ता प्रक्रिया के समापन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। योजना साल के अंत तक इसे पूरा करने की थी और हम उस प्रतिबद्धता को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
तीन दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है, जिसमें नवीनतम दौर की वार्ता 27-30 अक्टूबर के बीच सैंटियागो में आयोजित की गई थी।
चिली की संसाधन क्षमता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि भारत को इस प्रकार के कच्चे माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। और चिली एक ऐसा देश है जो न केवल यह, बल्कि अन्य खनिज भी प्रदान कर सकता है।’
चिली के पास दुनिया के सबसे बड़े लिथियम भंडार हैं, जो 93 लाख टन के बराबर हैं।
सीईपीए का उद्देश्य 90 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं पर शुल्क समाप्त करना और सेवाओं एवं निवेश संबंधों को मजबूत करना है।
राजदूत ने कहा, ‘खनिज अध्याय वार्ता का हिस्सा है… हर अध्याय का अपना मार्ग होता है, और उस पर वार्ता जारी रहेगी। हमें उम्मीद है कि यह दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य समाधान होगा।’
भाषा योगेश रमण
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