नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) विश्व आर्थिक मंच (डबल्यूईएफ) के अध्ययन में वित्तीय प्रौद्योगिकी के लिहाज से शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देशों की सूची में अमेरिका और ब्रिटेन के साथ भारत को भी शामिल किया गया हे।
चीन के तियानजिन में आयोजित न्यू चैंपियंस की वार्षिक बैठक में जारी विश्व आर्थिक मंच के अध्ययन में कहा गया कि लाभप्रदता और समावेशन में मजबूती के बीच वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र की वृद्धि स्थिर हो रही है।
अध्ययन में पाया गया कि वित्तीय प्रौद्योगिकी के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देशों में ब्रिटेन, भारत, अमेरिका, सिंगापुर, ब्राजील और इंडोनेशिया शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक में 10 से अधिक कंपनियों का मुख्यालय है और ये वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
डबल्यूईएफ ने कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी का सर्वश्रेष्ठ परिचालन करने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, भारत, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, ब्राजील, कोलंबिया, मेक्सिको, इंडोनेशिया और जर्मनी शामिल हैं।
वैश्विक महामारी के बाद की मंदी के बावजूद, वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र पारंपरिक रूप से वंचित समूहों तक पहुंचते हुए मजबूत व टिकाऊ वृद्धि दिखा रहा है
इन 240 वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के वैश्विक सर्वेक्षण में पता चलता है कि ग्राहक वृद्धि 37 प्रतिशत पर स्थिर है। वित्तीय प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है। राजस्व वृद्धि 40 प्रतिशत एवं लाभ वृद्धि 39 प्रतिशत है।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के कैम्ब्रिज जज बिजनेस स्कूल में कैम्ब्रिज सेंटर फॉर अल्टरनेटिव फाइनेंस (सीसीएएफ) के सहयोग से आयोजित ‘वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी का भविष्य: तीव्र विस्तार से सतत विकास तक’ अध्ययन में पारंपरिक रूप से वंचित बाजार खंडों तक वित्तीय पहुंच का विस्तार करने में वित्तीय प्रौद्योगिकी की निरंतर भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया।
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई), निम्न आय वाले व्यक्ति तथा महिलाएं वित्तीय प्रौद्योगिकी के ग्राहक आधार का महत्वपूर्ण हिस्सा (क्रमशः 57 प्रतिशत, 47 प्रतिशत और 41 प्रतिशत) हैं। खासकर उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) में जहां ये क्षेत्र वित्तीय प्रौद्योगिकी के लाभ में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
सर्वेक्षण में कहा गया कि कृत्रिम मेधा (एआई) को अपनाने से प्रदर्शन में सुधार हो रहा है। 83 प्रतिशत वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों ने एआई के इस्तेमाल से बेहतर ग्राहक अनुभव हासिल करने की जानकारी दी है और लगभग तीन-चौथाई उत्तरदाताओं ने उच्च लाभप्रदता एवं कम लागत की बात कही है।
व्यापक आर्थिक स्थितियां वृद्धि के लिए सबसे अधिक उद्धृत चुनौती बनी रहीं, केवल 18 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने उन्हें बाधा के रूप में देखा जो 2024 में 56 प्रतिशत से कम है। वित्तपोषण के माहौल को लेकर चिंताएं भी काफी कम हो गई हैं। अब केवल 12 प्रतिशत लोग ही इसे बाधा मानते हैं जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 40 प्रतिशत था।
विश्व आर्थिक मंच ने कहा कि इन सुधारों के बावजूद वित्तीय प्रौद्योगिकी के मजबूत विकास को बढ़ावा देने के लिए और अधिक काम किए जाने की जरूरत है। खासकर पूंजी तक पहुंच का विस्तार करने और नियामकीय दक्षता बढ़ाने पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
भाषा निहारिका अजय
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