नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बुधवार को कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सार्वजनिक निवेश बढ़ाने की बजट घोषणा से सीमेंट, इस्पात और पूंजीगत उत्पादों की मांग पैदा होगी और नए रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश बजट में सार्वजनिक व्यय में 35.4 प्रतिशत वृद्धि का ऐलान करते हुए इसके 7.5 लाख करोड़ रुपये रहने की घोषणा की जो जीडीपी का 2.9 प्रतिशत होगा।
सेठ ने प्रत्यक्ष समर्थन उपायों का सिर्फ सीमित गुणक प्रभाव ही रहने का अनुमान जताते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को सतत रूप से मजबूती देने के लिए मध्यम से लेकर दीर्घावधि का प्रभाव डालने वाले कदमों की जरूरत है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘आर्थिक प्रबंधन कोई एक साल का मामला नहीं है। इसे अल्पावधि, मध्यम या दीर्घावधि रूप में देखा जाना चाहिए। अल्पावधि में जरूरी कदम उठाए जा चुके हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, जब मध्यम एवं दीर्घावधि की बात आती है तो हम पाते हैं कि उपभोक्ता मांग बढ़ाने वाले प्रत्यक्ष आय समर्थन का बहुत सीमित गुणक प्रभाव ही होता है। वहीं पूंजी निवेश का कहीं ज्यादा बड़ा और बेहद सशक्त गुणक प्रभाव होता है और वह एक साल से कहीं अधिक देर तक कायम रहता है।’’
उन्होंने कहा कि यह उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले सामान के लिए मांग पैदा कर मदद करता है जिससे सीमेंट, इस्पात, पूंजीगत उत्पाद, निर्माण मशीनरी में निवेश आता है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निवेश बढ़ाकर सरकार ने यह संकेत दिया है कि वह वृद्धि-उन्मुख गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए तैयार है।
सेठ ने कहा, ‘‘इससे लोगों में भविष्य को लेकर भरोसा बढ़ता है और खपत से जुड़ी गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार की पहल से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और कारखाना मजदूरों, कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल लोगों के लिए रोजगार पैदा होंगे।
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प्रेम अजय
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