नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के चेयरमैन आर सी भार्गव ने शुक्रवार को कहा कि 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर आयकर छूट मिलने से छोटी कारों की मांग में सुधार आने की संभावना नहीं है।
भार्गव ने कहा कि छोटी कारों की मांग में सुधार भारत में वाहन उद्योग की समग्र वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है और सरकार को इस मुद्दे के समाधान के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
भार्गव ने कंपनी की मार्च तिमाही के परिणामों की घोषणा के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारत में केवल 12 प्रतिशत परिवारों की ही वार्षिक आय 12 लाख रुपये से अधिक है और शेष 88 प्रतिशत परिवार उस स्तर से नीचे हैं जहां वे 10 लाख रुपये या उससे अधिक कीमत की कार नहीं खरीद सकते।
उन्होंने कहा कि शुरुआती स्तर की कार की लागत 90,000 रुपये प्रति इकाई तक बढ़ जाने के कारण लोग इसे खरीद पाने में असमर्थ हैं और इसकी वजह से काफी कम पहुंच वाले घरेलू बाजार में धीमी वृद्धि देखी जा रही है।
भार्गव ने कहा कि चालू वित्त वर्ष (2025-26) के बजट में दी गई आयकर छूट खरीदारों को प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
उन्होंने कहा, “कार की बिक्री को फिर से बढ़ाने के लिए छोटी कारों को और अधिक किफायती बनाना होगा।”
भार्गव ने कहा, “मेरा मानना है कि सरकार ने काफी हद तक इस तथ्य को स्वीकार कर लिया है कि छोटी कार बाजार के पुनरुद्धार के बिना भारत में कार बाजार की वृद्धि हमेशा धीमी ही रहेगी।”
कंपनी का पूंजीगत व्यय चालू वित्त वर्ष के लिए 8,000-9,000 करोड़ रुपये है। कंपनी इस वर्ष निर्यात बढ़ाने पर विचार कर रही है, क्योंकि घरेलू बाजार में सुस्ती की स्थिति बनी रहने की उम्मीद है।
भार्गव ने कहा कि कंपनी इस साल सितंबर से अपने इलेक्ट्रिक मॉडल ई-विटारा की बिक्री शुरू करेगी, जिसमें से 70,000 इकाई का उत्पादन निर्यात के लिए किया जाएगा।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि कंपनी इस साल के अंत में एक और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) मॉडल को पेश करेगी।
भाषा अनुराग प्रेम
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