(नीलाभ श्रीवास्तव)
नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि आयकर विभाग करीब 80 लाख करदाताओं के खिलाफ लंबित छोटी-मोटी कर मांगों को खुद ही खत्म कर देगा और इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया की जानकारी देते हुए एक स्पष्ट आदेश जारी करेगा।
सीतारमण ने बृहस्पतिवार को संसद में पेश अंतरिम बजट में 25,000 रुपये तक की कर मांगों को वापस लेने की घोषणा की थी। उन्होंने वित्त वर्ष 2009-10 तक के 25,000 रुपये तक के कर विवादों और वित्त वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक के 10,000 रुपये तक की बकाया प्रत्यक्ष कर मांगों को वापस लेने की बात कही थी।
सीबीडीटी प्रमुख ने इस बारे में कहा, ‘हम इन कर मांगों को खत्म कर देंगे, हम कर विभाग के रिकॉर्ड से ऐसी मांगों को हटा देंगे। करदाता को कुछ भी नहीं करना है और हम उनसे कोई भी संपर्क नहीं करेंगे।’
गुप्ता ने बजट के बाद पीटीआई-भाषा से बातचीत में, ”यह प्रक्रिया करदाता के लिए प्रतिकूल नहीं होगी। लेकिन इन मांगों को व्यक्तिगत करदाताओं के ई-फाइलिंग पोर्टल पर डाला जाएगा ताकि वे भी देख सकें और उसमें कोई समस्या होने पर विभाग इसका समाधान करेगा।’
उन्होंने कहा, ‘अगर करदाता के पास इन मांगों के संबंध में सुधार जैसा कोई मुद्दा है या रिफंड का मामला लंबित है तो इसका ध्यान रखा जाएगा। इस बारे में हम एक स्पष्ट आदेश लाएंगे जिसमें सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।’
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि इस कदम से लगभग 80 लाख करदाताओं को लाभ होगा। इन कर मांगों के तहत लगभग 3,500 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।
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