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Friday, 22 November, 2024
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देशभर में ओप्पो, शाओमी और वन प्लस पर आयकर विभाग की छापेमारी, मिले कर चोरी के सबूत

ZTE पर छानबीन के दौरान बिक्री बिलों की तुलना में आयात बिलों की जांच से पता चला कि उपकरण के व्यापार को लगभग 30 प्रतिशत का सकल फायदा हुआ था. हालांकि कंपनी पिछले कुछ सालों से 'भारी' नुकसान दिखा रही थी.

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नई दिल्ली: आयकर विभाग ने चीनी मोबाइल फोन निर्माताओं से जुड़ी इकाइयों के खिलाफ कर चोरी के आरोप में बुधवार को भी विभिन्न राज्यों में छापेमारी की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों ने कहा कि इन कंपनियों के कुछ विक्रेताओं और वितरण साझेदारों के खिलाफ भी छापेमारी की जा रही है.

बताया जा रहा है कि ओप्पो, शाओमी और वन प्लस पर यह छापेमारी की गई है. लगभग दो दर्जन से ज्यादा परिसर में मंगलवार को यह सर्च शुरू की गई थी. सुत्रों ने बताया कि ‘दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, ग्रेटर नोएडा, कोलकत्ता, गुवाहटी, इंदौर और अन्य स्थानों पर रेड डाली जा रही है.’ जिनपर छापेमारी की जा रही है उनमें फिनटेक कंपनियां भी शामिल हैं.

कंपनियों के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) के साथ भी इनकम टैक्स के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं.


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सूत्रों ने बताया कि इन मोबाईल कंपानियों पर कर चोरी करने का खुफिया इनपुट मिला था जिसके बाद रेड डाली गई. यह पिछले लंबे समय से रेडार पर थीं. जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कर चोरी करने की पुख्ता जानकारी मिली तो कुछ कंपनियों पर छापे मारे गए.

सूत्र ने कहा कि अभी अधिकारी सर्च पर हैं इसीलिए इस बारे में डिटेल देना जल्दबाजी होगी. हालांकि कुछ डिजिटल डेटा में कर चोरी के सबूत मिले हैं और उन्हें ज़ब्त कर लिया गया है.

बता दें कि इससे पहले चीन सरकार द्वारा संचालित टेलीकॉम कंपनी जेडटीई के पांच परिसरों की तलाशी ली गई थी.

जेडटीई पर छानबीन के दौरान बिक्री बिलों की तुलना में आयात बिलों की जांच से पता चला कि उपकरण के व्यापार को लगभग 30 प्रतिशत का सकल फायदा हुआ था. हालांकि कंपनी पिछले कुछ सालों से ‘भारी’ नुकसान दिखा रही थी.

जांच से पता चला कि कंपनी द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के संबंध में फर्जी खर्चों के माध्यम से कंपनी घाटा दिखा रही थी. कुछ ऐसे प्राप्तकर्ताओं की पहचान की गई है जिनके मामले में सालों से पर्याप्त खर्च दर्ज किया गया है. सूत्रों ने कहा कि इन संस्थाओं को उनके पते पर मौजूद नहीं पाया गया है.


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