नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अंतरराष्ट्रीय और निर्दिष्ट घरेलू लेनदेन के दौरान ‘आर्म्स लेंथ’ मूल्य और हस्तांतरण कीमत (ट्रांसफर प्राइसिंग) के बीच अंतर के लिए ‘सहनशीलता’ दायरे को अधिसूचित कर दिया है।
आयकर विभाग का नियमन करने वाले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बयान में कहा कि सहनशीलता दायरे को पिछले साल की ही तरह ‘थोक कारोबार’ के लिए एक प्रतिशत और अन्य सभी करदाताओं के लिए तीन प्रतिशत रखा गया है।
‘थोक कारोबार’ को कुछ शर्तों के अधीन वस्तुओं के व्यापार के एक अंतरराष्ट्रीय लेनदेन या निर्दिष्ट घरेलू लेनदेन के तौर पर परिभाषित किया जाएगा।
सीबीडीटी ने कहा, ‘‘सहनशीलता दायरे की अधिसूचना जारी होने से करदाताओं को निश्चितता मिलेगी और ट्रांसफर प्राइसिंग में लेनदेन के मूल्य निर्धारण से जुड़े जोखिम की धारणा में कमी आएगी।’’
‘सहनशीलता दायरे’ का मतलब है कि थोक कारोबार के लिए आर्म्स लेंथ मूल्य अगर लेनदेन मूल्य से एक प्रतिशत और अन्य करदाताओं के लिए तीन प्रतिशत तक अलग है तो आर्म्स लेंथ मूल्य ही लेनदेन का मूल्य होगा।
कर कानूनों के तहत हस्तांतरण मूल्य का निर्धारण संबंधित कंपनियों के बीच आदान-प्रदान वाली वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य निर्धारण को दर्शाता है।
वहीं आर्म्स लेंथ मूल्य का आशय उस मूल्य से है जो संबंधित पक्षों के अलावा अन्य संस्थाओं के बीच लेनदेन में भी समान रूप से लागू होता है।
नांगिया एंड कंपनी एलएलपी में साझेदार (हस्तांतरण मूल्य) नितिन नारंग ने कहा कि हस्तांतरण मूल्य-निर्धारण के लिए हाल ही में अधिसूचित सहनशीलता दायरा उन मामलों के लिए लागू है जहां आर्म्स लेंथ मूल्य/ मार्जिन की गणना के लिए अंकगणितीय माध्य को ध्यान में रखा जाता है।
नारंग ने कहा, ‘‘इस अधिसूचना से करदाताओं को निश्चितता मिलेगी और हस्तांतरण मूल्य निर्धारण में लेनदेन के मूल्य निर्धारण से जुड़े जोखिम में कमी आएगी।’’
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