नयी दिल्ली, पांच अप्रैल (भाषा) वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को कहा कि एनएसई द्वारा प्रदान की गई ‘को-लोकेशन’ सुविधा में अनियमितताओं से संबंधित मामले की आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही है।
राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा कि बाजार नियामक सेबी ने एनएसई और अन्य संस्थाओं से जुड़े मामले की जांच के बाद आवश्यक आदेश पारित किए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग एनएसई द्वारा प्रदान की गई को-लोकेशन सुविधा के संबंध में अनियमितताओं से संबंधित मामले की जांच कर रहे हैं और यह अभी जारी है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या एनएसई मामले की पृष्ठभूमि में स्टॉक एक्सचेंजों को मजबूत करने के लिए और उपाय किए जाने हैं, मंत्री ने कहा कि बाजार आधारभूत संस्थान (एमआईआई) में कामकाज के मानदंडों की समीक्षा एक सतत प्रक्रिया है और इसे प्रतिभूति बाजार की बदलती गतिशीलता के अनुसार नियमित रूप से संचालित किया जाता है।
सीबीआई ने पिछले महीने एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था। उन्हें 11 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में अनियमितताओं के बारे में ताजा खुलासे के बीच मई, 2018 में दर्ज की गई एक प्राथमिकी के बाद को-लोकेशन मामले से संबंधित गिरफ्तारी हुई है।
इस साल फरवरी में सेबी ने वरिष्ठ स्तर पर भर्ती में चूक के लिए एनएसई के साथ-साथ रामकृष्ण और रवि नारायण और दो अन्य अधिकारियों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया। नारायण अप्रैल, 1994 से मार्च 2013 तक एनएसई में मामलों की देखरेख करने वाले शीर्ष अधिकारी थे, जबकि रामकृष्ण अप्रैल, 2013 से दिसंबर, 2016 तक स्टॉक एक्सचेंज की एमडी और सीईओ थीं।
सेबी ने पाया कि एनएसई और उसके शीर्ष अधिकारियों ने आनंद सुब्रमण्यम को समूह संचालन अधिकारी (जीओओ) और एमडी के सलाहकार के रूप में नियुक्त करने में मानदंडों का उल्लंघन किया है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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