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मंगलवार, 13 मई, 2025
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बीते वित्त वर्ष में प्रमुख बंदरगाहों की माल ढुलाई 4.3 प्रतिशत बढ़कर 85.5 करोड़ टन पर

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नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) भारत के प्रमुख बंदरगाहों ने वित्त वर्ष 2024-25 में माल ढुलाई (माल चढ़ाना एवं उतारना) में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और यह बढ़कर 85.5 करोड़ टन हो गई। यह जानकारी मंगलवार को एक सरकारी बयान में दी गई।

देश में 12 प्रमुख बंदरगाह हैं।

इन बंदरगाहों में दीनदयाल बंदरगाह, मुंबई बंदरगाह, जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह, मोरमुगाओ बंदरगाह, न्यू मैंगलोर बंदरगाह, कोचीन बंदरगाह, वीओ चिदंबरनार बंदरगाह, चेन्नई बंदरगाह, कामराजर बंदरगाह, विशाखापत्तनम बंदरगाह, पारादीप बंदरगाह और श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह शामिल हैं।

प्रमुख बंदरगाहों पर ढुलाई के मामले में पेट्रोलियम, तेल और लुब्रिकेंट (पीओएल)-जिसमें कच्चा तेल, पेट्रोलियम उत्पाद और एलपीजी/एलएनजी शामिल हैं- 2024-25 में 25.45 करोड़ टन (29.8 प्रतिशत) की मात्रा के साथ सबसे ऊपर रहे। इसके बाद कंटेनर यातायात 19.35 करोड़ टन (22.6 प्रतिशत), कोयला 18.66 करोड़ टन (21.8 प्रतिशत) और अन्य कार्गो श्रेणियां जैसे लौह अयस्क, छर्रे, उर्वरक का स्थान रहा।

बयान में कहा गया है कि प्रमुख बंदरगाहों के इतिहास में पहली बार, पारादीप बंदरगाह प्राधिकरण (पीपीए) और दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण (डीपीए) ने 15 करोड़ टन ढुलाई के स्तर को पार कर लिया, जिससे समुद्री व्यापार और परिचालन उत्कृष्टता के प्रमुख केंद्रों के रूप में उनकी स्थिति मजबूत हुई। इस बीच, जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीए) ने 73 लाख टीईयू (ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट्स) को संभालकर एक रिकॉर्ड बनाया, जो साल-दर-साल 13.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

बयान में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में, भारतीय बंदरगाहों ने सामूहिक रूप से बंदरगाह-आधारित औद्योगीकरण के लिए 962 एकड़ भूमि आवंटित की, जिससे वित्त वर्ष 2024-25 में 7,565 करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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