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Wednesday, 20 November, 2024
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संपत्ति खरीद में मौखिक नहीं, लिखित समझौता ही मान्य: न्यायाधिकरण

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गुवाहाटी, 18 जुलाई (भाषा) असम रियल एस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण (आरईएटी) ने कहा है कि संपत्ति खरीदार और विक्रेता के बीच कोई मौखिक आश्वासन लिखित अनुबंध को नहीं बदल सकता है।

असम आरईएटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मनोजित भुइयां और सदस्य ओंकार केडिया ने सोमवार को एक मामले में फैसला सुनाते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा कि लिखित अनुबंध के नियमों और शर्तों को किसी भी मौखिक समझौते से बदला नहीं जा सकता है।

ललिता जैन के खिलाफ अरुणुदोई अपार्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और दो अन्य लोगों की याचिका पर आरईएटी ने अपने आदेश में कहा, ‘‘कथित मौखिक व्यवस्था को प्रमाणित करने के लिए किसी सबूत की अनुमति नहीं दी जा सकती है।’’

उल्लेखनीय है कि इस मामले में घर खरीदार ने अगस्त 2013 में जीएनबी कॉम्प्लेक्स में 15 लाख रुपये में एक फ्लैट खरीदने के लिए बिल्डर के साथ एक लिखित और पंजीकृत समझौता किया था।

वहीं, बिल्डर ने घर खरीदार के साथ मौखिक समझौते का हवाला देते हुए 32,91,600 रुपये की मांग की है।

इस अपील को खारिज करते हुए न्यायाधिकरण ने बिल्डर को बिक्री समझौते को पूरा करने और घर खरीदार को अगले छह सप्ताह के भीतर कुल 15 लाख रुपये में फ्लैट का कब्जा देना का आदेश दिया है।

भाषा जतिन अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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