नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) देश में शेयर बाजार के निवेशकों की संपत्ति वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 59.75 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई।
इस अवधि में बीएसई सेंसेक्स में 18 प्रतिशत से अधिक का उछाल आया।
वित्त वर्ष 2021-22 में कई विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद सेंसेक्स 18.29 प्रतिशत यानी 9,059.36 अंक चढ़ा
भू-राजनीतिक तनाव, मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं, विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से संबंधित चिंताओं के बीच बाजार आशावादी बना रहा और बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण वित्त वर्ष 2021-22 में 59,75,686.84 करोड़ रुपये बढ़कर 2,64,06,501.38 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक संकट और मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के कारण विशेष रूप से विकसित अर्थव्यवस्थाओं में इक्विटी बाजारों ने वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में अपनी चमक खो दी। बहरहाल, यह बाजारों के लिए एक अच्छा वर्ष रहा है और लाभ के साथ समाप्त होने में कामयाब रहा।’’
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण इस साल 17 जनवरी को 280 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
विश्लेषकों ने कहा कि कोविड-19 महामारी से संबंधित प्रतिबंधों में ढील, मजबूत टीकाकरण अभियान और कोरोना की कमजोर होती लहर ने महामारी के बारे में चिंताओं को कम कर दिया।
बीएसई का सेंसेक्स पिछले वर्ष 19 अक्टूबर को 62,245.43 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था।
इस बीच, बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 2021-22 के वित्त वर्ष के अंतिम दिन 115.48 अंक या 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,568.51 पर बंद हुआ।
इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड 17,81,834.57 करोड़ रुपये के बाजार मूल्यांकन के साथ देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी है।
इसके बाद 13,83,001.33 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ टीसीएस दूसरे स्थान पर और 8,15,166.80 करोड़ रुपये का मूल्यांकन लेकर एचडीएफसी बैंक तीसरे, 8,02,309.19 करोड़ रुपये के साथ इन्फोसिस चौथे पर रही। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से आईसीआईसीआई बैंक 5,07,434.03 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ पांचवें स्थान पर है।
वित्त वर्ष 2020-21 में सेंसेक्स 68 प्रतिशत चढ़ा था।
भाषा जतिन अजय
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