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शुक्रवार, 20 जून, 2025
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कम आपूर्ति के बीच सभी तेल-तिलहन में सुधार, सोयाबीन में गिरावट

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नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव में मामूली सुधार के बीच दिल्ली के बाजार में मंगलवार को पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले सभी तेल-तिलहनों के दाम मजबूत बंद हुए। हालांकि, विदेशी बाजारों में भाव अब भी देशी तेलों से नीचे हैं। इस सुधार की वजह से सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के भाव सोमवार के मुकाबले मजबूत बंद हुए। डीओसी की मांग कमजोर रहने की वजह से सोयाबीन तिलहन के भाव में मामूली गिरावट रही।

शिकॉगो और मलेशिया एक्सचेंज में मजबूती जारी है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में आई इस तेजी या मंदी का देश के बाजारों पर कोई खास असर नहीं होने वाला है क्योंकि यहां खाद्य तेल आपूर्ति की कमी होने की वजह से पहले ही सोयाबीन डीगम 11 प्रतिशत प्रीमियम दाम पर बिक रहा है। ऊपर से मलेशिया में सीपीओ का उत्पादन प्रभावित हुआ है और इस कमी की वजह से जिस सीपीओ का भाव सोमवार को 1,015-1,020 डॉलर टन था वह बढ़कर 1,030-1,035 डॉलर प्रति टन हो गया। देश में लगभग 65 प्रतिशत खाद्य तेलों की मांग सीपीओ, पामोलीन के आयात से पूरी होती है। अब सवाल यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में महंगे सीपीओ का आयात कम रहने के बाद कौन सा तेल इस कमी को पूरा करेगा? सोयाबीन डीगम पहले ही कम आपूर्ति की वजह से लगभग 11 प्रतिशत प्रीमियम दाम पर बेचा जा रहा है। सॉफ्ट आयल आयात करने में कम से कम 45-60 दिन लग जाते हैं। इसे देखते हुए त्योहारों के समय खाद्य तेलों की आपूर्ति की दिक्कत न हो इस बारे में ध्यान देने की आवश्यकता है।

विदेशी में आई इस तेजी का असर देशी तेल-तिलहनों (सरसों, सोयाबीन, मूंगफली आदि) पर कोई खास नहीं रहा क्योंकि वे महंगी लागत का होने की वजह से पहले से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी कम दाम (5-7 प्रतिशत के अंतर) से बिक रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि देशी सोयाबीन खप नहीं रहा है क्योंकि इसके डी-आयल्ड केक (डीओसी) की निर्यात मांग नहीं है। सोयाबीन से 18 प्रतिशत खाद्य तेल और 82 प्रतिशत डीओसी निकलता है। किसानों का सोयाबीन खेती का मुख्य आकर्षण सोयाबीन पेराई के बाद 82 प्रतिशत निकलने वाले डीओसी के निर्यात से प्राप्त होने वाले लाभ का होता है। इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। सोयाबीन डीओसी की निर्यात मांग कम रहने से सोयाबीन तिलहन के भाव में गिरावट रही। जबकि कम आपूर्ति की स्थिति और सोयाबीन डीगम प्रीमियम दाम पर बिकने की वजह से सोयाबीन तेल के दाम मजबूत बंद हुए।

सूत्रों ने कहा कि बंदरगाहों पर मंगलवार को थोक बिक्री में सोयाबीन और सूरजमुखी तेल, सीपीओ से 60-65 डॉलर (लगभग 6-7 रुपये किलो) सस्ता है लेकिन खुदरा में सोयाबीन और सूरजमुखी तेल, पामोलीन से 25-50 रुपये लीटर ऊंचा बिक रहा है, इसकी निगरानी जरूरी है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 5,400-5,440 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,125-6,400 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,250-2,525 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 10,350 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,750-1,850 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,750 -1,855 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 9,200 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,550 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,300 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,400 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,625-4,645 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,425-4,465 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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