नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) भारत का रूस से आयात चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह (अप्रैल-अक्टूबर) के दौरान 64 प्रतिशत बढ़कर 36.27 अरब डॉलर रहा है। मुख्य रूप से कच्चे तेल और उर्वरक का आयात बढ़ने से कुल आयात बढ़ा है।
इसके साथ ही भारत के आयात के लिये चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह में रूस दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बन गया है।
रूस से आयात पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 22.13 अरब डॉलर रहा था।
रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले भारत के आयात में रूस की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से कम थी। लेकिन उसके बाद इसमें तीव्र वृद्धि हुई है। भारत के कच्चे तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत से अधिक हो गई।
चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक है। यूक्रेन पर हमले के लिये रूस को दंडित करने के उपाय के तहत कुछ पश्चिमी देशों ने रूस से तेल आयात पर प्रतिबंध लगाया। उसके बाद से भारत, रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान चीन से आयात मामूली घटकर 60.02 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 60.26 अरब डॉलर था।
इसी प्रकार, अमेरिका से आयात इस दौरान 16 प्रतिशत घटकर 24.89 अरब डॉलर रहा। एक साल पहले इसी अवधि में यह 29.56 अरब डॉलर था।
आलोच्य अवधि में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आयात 21 प्रतिशत घटकर 24.91 अरब डॉलर रहा।
चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में सऊदी अरब, इराक, इंडोनिशया, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया से भी आयात घटा है।
भारत के आयात के 10 प्रमुख स्रोतों में स्विट्जरलैंड शामिल हैं। वहां से आयात आलोच्य अवधि में 13.97 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले अप्रैल-अक्टूबर में 10.48 अरब डॉलर था। मुख्य रूप से सोना आयात से कुल आयात बढ़ा।
निर्यात मोर्चे पर भारत का निर्यात शीर्ष 10 गंतव्यों में से छह में घटा है।
चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, जर्मनी, बांग्लादेश और सऊदी अरब को वस्तुओं के निर्यात में गिरावट आई है।
हालांकि, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड को होने वाले निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है।
चीन को निर्यात बढ़कर 8.92 अरब डॉलर रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 8.85 अरब डॉलर था।
बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का कुल वस्तु निर्यात इस साल अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत बढ़कर 33.57 अरब डॉलर रहा। हालांकि, इस दौरान व्यापार घाटा भी बढ़कर 31.46 अरब डॉलर रहा।
भाषा
रमण अजय
अजय
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