नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) प्लास्टिक निर्यातकों के संगठन प्लेक्सकॉन्सिल ने सरकार से पॉलिमर के आयात पर अनिवार्य मानक प्रमाणन मानदंड लागू नहीं करने का आग्रह किया है।
प्लेक्सकॉन्सिल ने कहा कि ऐसा करने से इस क्षेत्र के निर्यात पर गंभीर असर होगा।
भारत का प्लास्टिक निर्यात अप्रैल-जून 2022 के दौरान 4.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3.27 अरब डॉलर था।
प्लास्टिक उद्योग के प्रमुख कच्चे माल में पीवीसी (पॉलीविनाइल क्लोराइड), पॉलीप्रोपाइलीन, एबीएस (एक्रिलोनिट्राइल ब्यूटाडीन स्टाइरीन), एचडीपीई (उच्च घनत्व पॉलीथीन), एलडीपीई (कम घनत्व पॉलीथीन), एलएलडीपीई (रैखिक कम घनत्व पॉलीथीन) और पॉली कार्बोनेट जैसे पॉलिमर शामिल हैं।
प्लास्टिक निर्यात संवर्धन परिषद (प्लेक्सकॉन्सिल) के अनुसार रसायन विभाग पॉलिमर पर अनिवार्य रूप से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) मानदंड लागू करना चाहता है।
परिषद के चेयरमैन अरविंद गोयनका ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह कदम प्लास्टिक प्रसंस्करण उद्योग के लिए बहुत हानिकारक है, क्योंकि पर्याप्त उत्पादन नहीं होने के कारण देश में पहले ही पॉलिमर की कमी है और आयात अनिवार्य है। ऐसे में घरेलू प्रसंस्करण उद्योग गैर-प्रतिस्पर्धी हो जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि भारत अभी पॉलिमर के मामले में आत्मनिर्भर नहीं है और इसका आयात जरूरी है।
गोयनका ने कहा कि इसे लागू करने से भारतीय आयातकों के लिए पॉलिमर की कीमत बढ़ जाएगी, जिससे घरेलू प्लास्टिक उद्योग प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाएगा।
उन्होंने सुझाव दिया कि इसके बजाय सरकार को प्लास्टिक के तैयार सामान पर अनिवार्य बीआईएस मानदंड लागू करना चाहिए।
भाषा पाण्डेय अजय
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