नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) संचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने डाक विभाग को ‘डाक नेटवर्क’ से राजस्व नुकसान को रोकने के लिए एक प्रौद्योगिकी-समर्थित और प्रोत्साहन-संचालित ढांचा लागू करने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
सरकार ने 2029 तक डाकघरों को लागत केंद्र से लाभ केंद्र में बदलने का लक्ष्य रखा है।
मंत्री ने डाक विभाग में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की शुक्रवार को अध्यक्षता की। इसमें उन्होंने प्रतिदिन 10,000, 5,000 और 1,000 से अधिक लेन-देन करने वाले डाकघरों का क्षेत्रीय ऑडिट करने का आह्वान किया तथा ‘मैनुअल’ त्रुटियों और कम बिलिंग को समाप्त करने के लिए वजन तौलने वाली मशीनों को डाक आईटी प्रणालियों के साथ एकीकृत करने का आदेश दिया।
बैठक में मंत्री ने कहा, ‘‘ ध्यान परिचालन नियंत्रण को मजबूत करने, डिजिटल सुरक्षा प्रणालियों को आधुनिक बनाने तथा एक प्रेरित कार्यबल तैयार करने पर दिया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक रुपये का हिसाब हो।’’
मंत्री ने डाक विभाग को अनियमित लेनदेन पर नजर रखने और वितरण श्रृंखला में मध्य स्तर पर वस्तुओं व पार्सल के प्रवेश को रोकने के लिए ‘प्रीपेड बुकिंग अलर्ट’ के साथ-साथ गतिशील ‘बारकोडिंग’ शुरू करने का निर्देश दिया।
बयान में कहा गया कि संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने डाक विभाग (डीओपी) में राजस्व में नुकसान की समस्या को दूर करने के लिए एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने ‘डाक नेटवर्क’ से राजस्व नुकसान को रोकने के लिए एक बहुआयामी, प्रौद्योगिकी-समर्थित, मजबूत और प्रोत्साहन-संचालित ढांचा अपनाने का आह्वान किया।
पेम्मासानी ने डाक बचत बैंक के डिजिटल एवं वित्तीय सुरक्षा ढांचे की भी समीक्षा की और अधिकारियों के लिए बायोमेट्रिक व ओटीपी-आधारित प्रमाणीकरण के माध्यम से मजबूत सुरक्षा उपायों का आह्वान किया। उन्होंने पारदर्शिता बढ़ाने, ‘मैन्युअल’ त्रुटियों को कम करने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए खातों को तेज़ी से आधार व मोबाइल से जोड़ने और डिजिटल पासबुक को व्यापक रूप से अपनाने के निर्देश दिए।
भाषा निहारिका पाण्डेय
पाण्डेय
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