नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) रोजमर्रा के उपभोग का सामान (एफएमसीजी), मोबाइल फोन, तंबाकू उत्पाद और शराब सहित पांच प्रमुख उद्योगों में अवैध व्यापार के कारण 2019-20 में सरकारी खजाने को 58,521 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उद्योग मंडल फिक्की की एक रिपोर्ट में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई।
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि इन उद्योगों में अवैध कारोबार का आकार वर्ष 2019-20 में 2.60 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक था। पांच प्रमुख उद्योगों में हुए कुल अवैध कारोबार में एफएमसीजी उद्योग का 75 प्रतिशत हिस्सा था।
इन पांच उद्योगों में एफएमसीजी खाद्य वस्तुएं, एफएमसीजी घरेलू एवं निजी उपयोग की वस्तुएं, मोबाइल, तंबाकू और शराब उद्योग शामिल हैं।
अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाली तस्करी और जालसाजी गतिविधियों के खिलाफ फिक्की की समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘इन पांच प्रमुख उद्योगों में अवैध सामान के कारण सरकार को अनुमानित कर नुकसान 58,521 करोड़ रुपये है।”
इस रिपोर्ट का शीर्षक – ‘अवैध बाजार: हमारे राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा’ है।
इन पांच प्रमुख उद्योगों में अवैध व्यापार के कारण सरकार को होने वाले कुल कर नुकसान में दो अत्यधिक विनियमित और उच्च कर वाले उद्योग- तंबाकू उत्पाद और शराब हैं। कुल कर हानि में इनकी लगभग 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
रिपोर्ट में कहा गया कि अवैध व्यापार के कारण एफएमसीजी खाद्य वस्तुओं में सबसे अधिक 7.94 लाख नौकरियां गईं। इसके बाद तंबाकू उद्योग में 3.7 लाख, एफएमसीजी घरेलू एवं निजी उपयोग उद्योग में 2.98 लाख, शराब उद्योग में 97,000 और मोबाइल फोन उद्योग में 35,000 नौकरियों का नुकसान हुआ।
इन पांच क्षेत्रों में अवैध व्यापार के कारण सरकार को एफएमजीसी खाद्य वस्तुओं में 17,074 करोड़ रुपये के कर का नुकसान हुआ। शराब उद्योग में 15,262 करोड़ रुपये, तंबाकू उद्योग में 13,331 करोड़ रुपये, एफएमसीजी घरेलू एवं निजी उपयोग उद्योग में 9,995 करोड़ रुपये और मोबाइल फोन उद्योग में 2,859 करोड़ रुपये के कर का नुकसान हुआ।
भाषा पाण्डेय अजय
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