नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) देश की प्रमुख उर्वरक कंपनियों में से एक सहकारी संस्था इफको ने उत्तर प्रदेश में दो नए संयंत्रों में नैनो लिक्विड डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया है, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता दो लाख बोतल प्रतिदिन की है।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में इफको ने कहा कि उसने ‘‘उत्तर प्रदेश में आंवला, बरेली और फूलपुर, प्रयागराज में अपने दो और नैनो संयंत्रों में इफको नैनो डीएपी लिक्विड का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर दिया है।’’
इसमें कहा गया कि दोनों नैनो उर्वरक संयंत्रों की क्षमता दो लाख बोतल (500 मिली) प्रतिदिन उत्पादन करने की है।
इफको ने कहा, ‘‘उत्पादन में इस वृद्धि से देश में नैनो डीएपी लिक्विड की आपूर्ति बढ़ेगी और यह देश भर के हमारे किसानों को आसानी से उपलब्ध होगा।’’
पांच इफको नैनो उर्वरक संयंत्रों की कुल क्षमता प्रतिदिन 9.5 लाख बोतल है, जिसमें नैनो यूरिया और नैनो डीएपी दोनों शामिल हैं।
इफको ने दावा किया, ‘‘नैनो डीएपी लिक्विड पारंपरिक डीएपी की तुलना में बेहतर विकल्प है क्योंकि नैनो डीएपी में 100 नैनोमीटर से कम कण होते हैं, जो इसे अधिक प्रभावी बनाते हैं। यह पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में मिट्टी के पोषक तत्वों को बढ़ाता है। यह बेहतर फसल वृद्धि और अधिक पैदावार को भी बढ़ावा देता है।’’
इफको ने जून, 2021 में दुनिया का पहला ‘नैनो लिक्विड यूरिया’ उर्वरक पेश किया। इसके बाद, यह अप्रैल, 2023 में नैनो-डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक लेकर आई। नैनो यूरिया 500 मिली की एक बोतल लगभग 240 रुपये में उपलब्ध है, जबकि नैनो लिक्विड डीएपी की कीमत 600 रुपये प्रति बोतल है।
पिछले साल सितंबर में इफको के प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी ने कहा था कि सहकारी संस्था ने वर्ष 2017 से अपने दो नए उत्पादों – नैनो लिक्विड यूरिया और नैनो लिक्विड डीएपी पर करीब 2,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। उन्हें उम्मीद है कि किसान अगले 2-3 साल में इन प्रमुख पोषक तत्वों को बड़े पैमाने पर अपनाएंगे।
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