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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशअर्थजगतएयरबैग इंडस्ट्री वित्त वर्ष 2027 तक दोगुनी से अधिक बढ़कर 7 हज़ार करोड़ रु. तक पहुंचने की उम्मीदः ICRA

एयरबैग इंडस्ट्री वित्त वर्ष 2027 तक दोगुनी से अधिक बढ़कर 7 हज़ार करोड़ रु. तक पहुंचने की उम्मीदः ICRA

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अक्टूबर 2023 से लागू होने वाले नए नियम के तहत प्रति कार छह एयरबैग अनिवार्य हो जाएंगे, लेकिन अगर इस लक्ष्य को पूरा करना है तो घरेलू मैनुफैक्चरिंग कैपिसिटी को बढ़ाना महत्वपूर्ण हो जाएगा.

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नई दिल्ली: क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि रेगुलेटरी ज़रूरतों और अपनी मर्ज़ी से एयरबैग लगवाने के कारण प्रति वाहन एयरबैग की संख्या में वृद्धि हुई है, भारत में एयरबैग उद्योग का कारोबार वित्तीय वर्ष 2026-2027  तक दोगुनी से अधिक 6,000-7,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है.

रेटिंग एजेंसी के अनुसार, उद्योग 2,400-2,500 करोड़ रुपये के मौजूदा स्तर से चार साल की वार्षिक वृद्धि दर 25-30 प्रतिशत (सीजीएआर) से बढ़ेगा.

हालांकि, यह भी ध्यान में रखा गया है कि रेगुलेटरी दिशा-निर्देशों को पूरा करने के लिए निर्माण क्षमता महत्वपूर्ण होगी क्योंकि वर्तमान में इन्फ्लेटर सहित लगभग 60-70 प्रतिशत एयरबैग कंपोनेंट्स का आयात किया जाता है जो एयरबैग की लागत का लगभग आधा हिस्सा है.

आईसीआरए के वाइस प्रेसिडेंट और सेक्टर प्रमुख विनुता एस के मुताबिक, एयरबैग जैसे जरूरी सामान की कीमत 3,000-4,000 रुपये से बढ़कर 1 अक्टूबर, 2023 तक 8,000 से लेकर 10,000 रुपये तक हो जाने की उम्मीद है.

विनुता के अनुसार, वर्तमान में प्रति कार बिक्री किए जाने वाले एयरबैग की औसत संख्या लगभग तीन है, और 1 अक्टूबर, 2023 से प्रति कार 6 एयरबैग जरूरी होने के फैसले से इसमें वृद्धि की उम्मीद है.

उन्होंने कहा कि कारों के संरचनात्मक परिवर्तन, एक्सट्रा सेंसर लगाने और जरूरी संशोधनों के आधार पर, वाहन निर्माताओं के लिए लागत में वृद्धि होगी.


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‘निर्माण क्षमता महत्वपूर्ण’

भारत में जुलाई 2019 के बाद से प्रत्येक कार में एक एयरबैग (ड्राइवर सीट पर) जरूरी कर दिया गया था और इसे जनवरी, 2022 से एम1 श्रेणी के वाहनों के लिए दो एयरबैग (डुअल-फ्रंट एयरबैग) तक बढ़ा दिया गया था. एम1 वाहनों में सभी पैसेंजर वाहन शामिल हैं, वह वाहन जिनमें सीटों की संख्या आठ से अधिक नहीं होती.

सरकार अब 1 अक्टूबर, 2023 से पैसेंजर वाहनों में छह एयरबैग जरूरी करने का प्रस्ताव कर सकती है. आईसीआरए ने कहा, ‘एक अक्टूबर, 2023 से, दो साइड एयरबैग, दो साइड कर्टेन एयरबैग जरूरी कर दिए गए हैं, ताकि आगे की सीट पर बैठे लोगों के लिए सामने से लगने वाली चोट को रोका जा सके और पीछे की सीट पर बैठे लोगों के लिए सिर की चोट को रोका जा सके.’

प्रस्ताव में कहा गया है कि अगले एक साल में निर्माण क्षमता रेगुलेटरी समय सीमा को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है, और अपडेटेशन और स्थानीयकरण के लिए अगले 12-18 महीनों में 1,000-1,500 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है.

आईसीआरए ने कहा, ‘जब तक अच्छी गुणवत्ता वाले एयरबैग के उत्पादन के लिए पर्याप्त बैकवर्ड इंटीग्रेशन नहीं होता है, तब तक आयात सामग्री आगे बढ़ेगी.’

विनुता ने कहा, ‘अगले एक साल में क्षमता निर्माण समयबद्ध तरीके से रेगुलेटरी जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है. कई उद्यमियों ने पिछले 6-8 महीनों में अपनी सुविधाओं को धीरे-धीरे बढ़ाने के लिए क्षमता वृद्धि शुरू कर दी है और आईसीआरए को क्षमता वृद्धि और स्थानीयकरण उपायों के लिए अगले 12-18 महीनों में 1,000-1,500 करोड़ रुपये के फायदे की उम्मीद है.

(अनुवादः अलमिना खातून/फाल्गुनी शर्मा | संपादनः फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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