नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) चीनी इकाइयों के साथ मिलकर देश में मुखौटा कंपनियां गठित करने में शामिल चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के खिलाफ मामलों के तेजी से निपटान को लेकर अलग प्रकोष्ठ बना रहा है।
आईसीएआई ने कहा कि जो दोषी पाए जाएंगे, उन्हें जीवन भर के लिये पाबंदी और अन्य कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट के शीर्ष निकाय आईसीएआई और कंपनी सचिवों के शीर्ष संस्थान आईसीएसआई (भारतीय कंपनी सचिव संस्थान) को इस मामले में एक साथ करीब 400 शिकायतें मिली हैं और जरूरी कदम उठाये गये हैं।
यह आरोप लगाया गया है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) और कंपनी सचिवों (सीएस) ने नियमों का पालन किये बिना देश के विभिन्न शहरों में चीनी मुखौटा कंपनियों के गठन में मदद की।
आईसीएआई के अध्यक्ष देबाशीष मित्रा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 400 में से आधी संख्या सीए की हो सकती है और संस्थान ने सभी संबंधित सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किये हैं।
सदस्यों से विभिन्न चीनी कंपनियों और उनकी सहायक कंपनियों को गठित करने के संबंध में कंपनी कानून के कथित उल्लंघन को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
मित्रा ने कहा कि कथित उल्लंघन संबंधित कंपनियों के गठन और पंजीकृत पतों की ठीक से जांच करने से संबंधित मामलों से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सीए ने पंजीकृत पते का सत्यापन किये बिना कागजों पर हस्ताक्षर किये। पता सही नहीं है और यह लापरवाही है।’’
मित्रा ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या कुछ सदस्यों के खिलाफ विस्तृत जांच की गई है। ऐसे मामलों में आमतौर पर एक साल का समय लगता है लेकिन आईसीएआई इस वर्ष के अंत तक मामलों के निपटान की उम्मीद कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इन मामलों के निपटान के लिये अलग से प्रकोष्ठ बना रहे हैं। सरकार ने हमें आधिकारिक रूप से कोई समयसीमा नहीं दी है। लेकिन जो हमें संकेत मिले हैं, हम मामलों का साल के अंत तक निपटान कर देंगे।’’
भाषा
रमण अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.